Chhapra: छपरा के लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज के सभी सहायक प्राध्यापक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. अस्सिटेंट प्रोफेसरों ने इंजीनियरिंग कॉलेज के गेट पर प्रदर्शन करके सरकार के सामने अपनी मांगे रखी. हड़ताल पर गए अस्सिटेंट प्रोफेसर्स का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार एवं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, बिहार सरकार के बीच हस्ताक्षरित Memorandum of Understanding (MoU) के अनुसार TEQIP-III परियोजना के बंद होने के बाद बिहार सरकार द्वारा TEQIP-III के अंतर्गत कार्यरत सहायक प्राध्यापकों के नियमितीकरण या प्रतिधारण (Retention) की बात कही गई थी. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार यह परियोजना 30 सितंबर 2020 को बंद होने जा रही है और हमारे भविष्य के बारे में अभी तक कोई निर्णय ना तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार और ना ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग बिहार सरकार द्वारा लिया गया है.
इसलिए संस्थान के सभी TEQIP-III सहायक अध्यापक हड़ताल पर चले गए हैं. उनका कहना है कि यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि विभाग के द्वारा हमारे भविष्य के बारे में कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया जाता है. सहायक प्राध्यापकों के सामूहिक हड़ताल पर चले जाने से लगभग 1000 बच्चों का आनलाइन पठन-पाठन का कार्य स्थगित हो गया है.
यह हड़ताल बिहार सरकार के 7 अभियंत्रण महाविद्यालय में कार्यरत 205 सहायक प्राध्यापकों द्वारा अपने भविष्य के लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए किया जा रहा है. ये सारे प्राध्यापक IITs/NITs/CFTIs से उच्च शिक्षा प्राप्त है एवम् लगभग 2.5 साल में विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण लिया है.
उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विश्व बैंक के सहयोग से बिहार के 7 इंजीनियरिंग कॉलेजों में TEQIP-III परियोजना को प्रारंभ किया गया था, इस परियोजना के तहत सभी सातों इंजीनियरिंग कॉलेजों में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे आईआईटी, एनआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों से एमटेक और पीएचडी किए हुए, 205 शिक्षकों की नियुक्ति 2018 में 3 वर्ष के लिए की गई थी. जिनकी अवधि 30 सितंबर 2020 को समाप्त हो रही है.
उनका कहना है कि राष्ट्रीय परियोजना कार्यान्वयन एकक (NPIU), मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर TEQIP-III परियोजना के बंद होने के बाद हमारे सेवा नियमितीकरण या प्रतिधारण (Retention) के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग बिहार सरकार एवं हम लोगों के द्वारा भी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग बिहार सरकार को पत्र भेजा गया था पर विभाग के तरफ से कोई जवाब या सूचना अभी तक नहीं मिला है.