Chhapra: बिहार राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था के प्रति उदासीनता जग जाहिर है. वास्तविकता किसी से छुपी नहीं है. इसका दंश हमारे समाज को लगातार झेलना पड़ रहा है. शिक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता के कारण ऐसे में सबसे अधिक पीड़ा छात्रों को सहना पड़ रहा है. उक्त बातें एआईएसएफ के राज्य -पार्षद अमित नयन ने कही.
उन्होने का कि आईटीआई उत्तीर्ण छात्रों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है. बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय में आईटीआई पास स्टूडेंट स्नातक में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. राज्य -पार्षद ने बताया कि आवेदन फॉर्म में आईटीआई उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए कोई ऑप्शन नहीं दिया गया है. जिसके कारण बिहार बोर्ड से आईटीआई उत्तीर्ण विद्यार्थी काफी परेशान हैं. ज्ञात हो कि 2019 में बिहार बोर्ड ने आईटीआई पास छात्रों को अलग से इंटरमीडिएट की परीक्षा देने की जरूरत को खत्म कर दिया था. आईटीआई में हिंदी और अंग्रेजी शामिल नहीं होता है, इसलिए उन्हें सिर्फ हिंदी और अंग्रेजी की परीक्षा देने पर राज्य सरकार की मुहर लगी थी. पिछले साल बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट के समकक्ष सर्टिफिकेट इन छात्रों को दिया था. इन सभी छात्रों को गणित विषय से इंटरमीडिएट सफल माना गया था. लेकिन इस वर्ष आईटीआई पास छात्रों का किसी भी विश्वविद्यालय में नामांकन के लिए दाखिले का आवेदन नहीं हो पा रहा है. जिससे छात्र काफी परेशान हैं.