#बिहारदिवस के अवसर पर हमारे पाठकों ने भेजी है कविता, पढ़िए

#बिहारदिवस के अवसर पर हमारे पाठकों ने भेजी है कविता, पढ़िए

हम हैं बिहारी, सारे जग में हम भारत की शान,
मेहनत अपना दीन धरम है, मेहनत है ईमान!!

सीधे-साधे बोली अपनी, सीधे-सादे लोग,
लालच, झुठ और मक्कारी के हमको नहीं है रोग!

अपने अंदर जिन्दा रखा है हमने इंसान,
हम है बिहारी, सारे जग में हम भारत की शान.
मेहनत अपना दीन धरम है, मेहनत है ईमान!!

विक्रमशिला, बोधगया, नलंदा है इतिहास,
जीरो, दशमलव जैसे तोहफे अपनी है मीरास!
सदियों से हम बाँट रहे हैं दुनिया को हर ज्ञान,
हम है बिहारी , सारे जग में हम भारत की शान,
मेहनत अपनी दीन धरम है, मेहनत है ईमान !

सुफी-संतो ने मित-जुल के रहना हमें सिखाया,
प्यार-मुहब्बत, सत्य अहिंसा अपना है सरमाया!!
हिन्दू ,मुस्लिम, सिर्ख, ईसाई सब का यहाँ सम्मान,
मेहनत आपना दीन धरम है , मेहनत है ईमान !!

हर मुश्किल मे देश की खातीर हमने दी कुर्बानी,
नहीं चली है, नहीं चलेगी यहाँ कोई मनमानी!
हम, जागे तो जाग उठा है सारा हिन्दुस्तान,
हम है बिहारी, सारे जग में हम भारत की शान ,
मेहनत अपना दीन धरम है, मेहनत है ईमान !

आओ हम सब मिल के बनायें एेसा एक बिहार,
जे.पी. मज़हर, कर्पूरी के सपने हो साकार!
अपनी तरक्की देख के सारी दुनिया हो हैरान,
हम है, बिहारी सारे जग में हम भारत की शान,
मेहनत अपनी दीन घरम है, मेहनत है ईमान!!!

कुमारी पंखुरी

छात्रा

 

 


एे बिहार, तू बेमिसाल
तुझ से है हम, तुझमे मगन
शत शत नमन, तुझे शत शत नमन!

हरियाली तेरे कदम चुमती
बहती पावन पवित्र गंगा
सीमा पर तुझको घेरे है
अवध झारखण्ड और बंगा
देकर कुर्बानी प्राणों की
सचिवालय पर लहराया तिरंगा
आओ संभाले इसका चैन-ओ-अमन
शत शत नमन, तुझे शत शत नमन

बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

विवेक कुमार विजय

छात्र

 

 


प्रार्थना और उपासनाओं का स्थल
ऋषि मुनियों का निवास स्थान
मैं बिहार हूँ
स्वच्छ निर्मल पावन
बहती है मुझ में गंगा
पहली शिक्षा का स्त्रोत
है नालंदा
शून्य का अर्थ
सबको बतलाया
दशमलव का जन्मदाता
आर्यभट्ट कहलाया
गौतम बुद्ध ने
यहीं पर है ज्ञान पाया
मैने दी है भारत को
पहचान
अशोक स्तंभ
से बना देश महान
वीर कुँवर ने ही
स्वतंत्रता का
पाठ पढ़ाया
सर उठा कर
जीना सिखलाया
गाँधी ने ही तो सत्याग्रह
का विश्वास जगाया
प्रथम देशरत्न बने
छपरा के राजेन्द्र बाबू
चाणक्य को
कूटनीती सिखाई
रंगों की कला
पूरे विश्व में मधुबनी
ने दिखाई
मेरे हृदय से जन्म लिया
सिखों के
गुरू गोविन्द सिंह
विश्व प्रसिद्ध है
सोनपुर मेले का नाम
बोधगया के जैसा
कहाँ है मोक्षधाम
सांस्कृतिक का
मान बढ़ाती
है राजगीर
मैं बिहार हूँ

चन्दन सोनी

छात्र

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