Chhapra: छपरा के रितेश देश के 2018 बैच के आईएएस/आईपीएस अधिकारियो को प्रशिक्षण देंगे. रितेश को मसूरी में स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन के निदेशक की ओर से गेस्ट लेक्चरर के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है. दरअसल आईएएस की प्रवेश परीक्षा में सफल हो जाने के बाद उन आईएएस अधिकारियों को 2 साल की ट्रेनिंग दी जाती है. हालांकि रितेश उन्हें 24 से 26 अप्रैल तक तीन दिवसीय ट्रेंनिग देंगे.
जानिये रितेश के बारे में
आपको बता दें कि छ्परा के साधनपुरी निवासी रितेश सिंह के द्वारा ही बनाये ऐप, ‘इकोवेशन’ से ही सारण के सरकारी हाई स्कूलों में डिजिटल क्लास चलाया जाता है. सारण में इस योजना को उन्नयन सारण का नाम दिया गया. छपरा में 100 से ज्यादा विद्यालयों में इसकी शुरुवात दसवीं क्लास के बच्चों की तैयारी के लिए किया गया है. साथ ही आगामी सत्र में 9 वीं क्लास के बच्चों के लिए भी स्मार्ट क्लास शुरू कर दिये जायेंगे.
इकोवेशन के फाउंडर रितेश ने बताया कि वो उन अधिकारियों को शिक्षा और तकनीक को जोड़कर शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर कई अहम बातें बताएंगे. उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में स्टार्टअप को आईएएस अधिकारी के सहयोग से ही आगे बढ़ाया जा सकता है. अगर स्टार्टअप वाले युवा आईएएस अधिकारियों के साथ मिलकर काम करें तो स्टार्टअप काफी आगे जाता है और समाज के लिए भी कुछ बेहतर मिलता है. उन्होंने बताया कि उन्नयन बांका और उन्नयन सारण, स्टार्टअप की वजह से ही सफल हुई. इनमें आईएस अधिकारियों के सहयोग ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
पूरे बिहार में शुरू हो रहा है उन्नयन योजना
रितेश को इस ट्रेनिंग में खास मकसद से बुलाया जा रहा है, जहाँ वो अपनी शिक्षा और तकनीक का अनुभव अधिकारियो के साथ साझा करेंगे. रितेश ने बताया कि गेस्ट लेक्चर का महत्वपूर्ण बिंदु है, सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे हर बच्चो तक पहुंचना संभव है. उन्नयन कार्यक्रम इसी का एक बेहतरीन उदाहरण है. जो कि अब पूरे बिहार में शुरू होने के बाद अलग अलग राज्यों और दूसरे देशो में अपना पंख पसार रहा है.
उन्नयन की सफलता के बाद ही रितेश को UNESCO से भी निमंत्रण आया था. जहा उन्होंने अफ्रीका जा कर इस मॉडल को फैलाया है.