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शुभ फलाफल लेकर हाथी पर आ रही है मां दुर्गा, हाथी पर ही करेंगी प्रस्थान

मां भगवती दुर्गा की भक्ति कर शक्ति पाने का महाव्रत शारदीय नवरात्र की तैयारी शुरू हो गई है। दुर्गा पूजा को लेकर मंदिरों में प्रतिमा निर्माण शुरू हो गया है।

दुर्गा पूजा को लेकर मूर्तिकार जहां  प्रतिमा निर्माण में जुटे हुए हैं, वहीं तमाम जगहों पर आकर्षक पंडाल बनाए जाने की तैयारी की जा रही है। हर पंडाल को अलग तरीके से सजाने का प्रयास पूजा समितियां कर रहीं हैं । प्रशासन ने भी शांति पूर्वक दुर्गा पूजा मनाया जाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है।

सबसे सुखद संयोग है कि इस साल मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान दोनों हाथी (गज) पर होगा, जिसका फलाफल अत्यंत शुभ है। हाथी पर आगमन के फलाफल में जल वृद्धि और बाढ़ की संभावना है तो प्रस्थान में वर्षा अधिक होगी। शारदीय नवरात्र की शुरुआत 26 सितम्बर को आश्विन माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को होगी। उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में कलश स्थापन के साथ मां भगवती के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा से होगी।

पुरोहितों के अनुसार इस वर्ष शुभ फलाफल लेकर मां भगवती दुर्गा का आगमन हो रहा है। प्रथम दिन कलश स्थापन और माता शैलपुत्री की पूजा अर्चना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू होगा। 27 सितम्बर को हस्त नक्षत्र में भगवती के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा, 28 सितम्बर को चित्रा नक्षत्र में माता के तृतीय स्वरूप चन्द्रघंटा की पूजा, 29 सितम्बर को स्वाति नक्षत्र में चौथे स्वरूप कूष्माण्डा की पूजा एवं 30 सितम्बर को विशाखा नक्षत्र में पांचवें स्वरूप स्कन्दमाता की पूजा होगी।

एक अक्टूबर को जेष्ठा नक्षत्र में षष्ठ स्वरूप कात्यायनी की पूजा एवं बिल्व आमंत्रण होगा। दो अक्टूबर को मूल नक्षत्र में सप्तम स्वरूप कालरात्री की पूजा एवं दिन में पत्रिका प्रवेश तथा रात में निशा पूजा और जागरण होगा। तीन अक्टूबर को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा एवं महाअष्टमी व्रत होगा। चार अक्टूबर को उत्तराषाढ़ नक्षत्र में महानवमी व्रत के दिन नवम स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा, हवन, बलिदान एवं महाअष्टमी व्रत का पारण होगा। इसके बाद पांच अक्टूबर को विजयादशमी होगा, इस दिन कलश विसर्जन के बाद जयंती धारण अवश्य करना चाहिए तथा किसी भी कार्य के लिए अभिजीत मुहूर्त होता है।

फिलहाल शारदीय नवरात्र शुरू होने में अभी भले ही 20 दिन शेष है, लेकिन वातावरण दुर्गा पूजामय हो गया है, मंदिरों में जहां प्रतिमाएं बन रही है वहीं बाजार भी सजने लगे हैं।

 

फाइल फोटो 

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