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उत्तराखंड चार धाम यात्रा: नैनीताल हाई कोर्ट ने यात्रियों की संख्या पर प्रतिबंध हटाया

-आज हुई सुनवाई में प्रदेश सरकार को चार धाम यात्रा के लिए मिली उम्मीद से बड़ी राहत
-कल से चार धाम यात्रा पर जा सकेंगे अधिकाधिक यात्रा, कर सकेंगे अपनी मनोकामना पूरी

नैनीताल (agency): उत्तराखंड के नैनीताल स्थित उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने चारधाम यात्रा के मामले में उत्तराखंड सरकार को उम्मीद से भी बड़ी राहत दी है। उच्च न्यायालय ने आज अपने फैसले में पहले दिए चार धाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की संख्या के आदेश पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है।

इस मामले में सरकार की ओर से उच्च न्यायालय में श्रद्धालुओं की संख्या में प्रतिबंध हटाने या प्रतिदिन तीन से चार हजार श्रद्धालुओं को आने की अनुमति देने के पूर्व के आदेश में संशोधन या आदेश को वापस लेने की मांग की थी। लेकिन न्यायालय ने सरकार की व्यवस्थाओं से संतुष्ट होकर इसकी संख्या के प्रतिबंध को पूरी तरह से हटाकर सरकार को एक बड़ी राहत दे दी है।

पीठ ने मंगलवार को याचिका पर अंतिम सुनवाई करते हुए चारों धाम में यात्रियों के निर्धारित संख्या में जाने पर लगी रोक को हटा दिया है। अब श्रद्धालु असीमित संख्या में चार धाम यात्रा पर जा सकेंगे। अलबत्ता शासन को यात्रियों से कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। नयी व्यवस्था 6 अक्टूबर से लागू होगी।

आज इस मामले में सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि वर्तमान समय में प्रदेश में कोविड के नए मामले नहीं के बराबर आ रहे हैं, इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित करने के आदेश में संशोधन किया जाए। यह भी कहा कि धराधाम यात्रा समाप्त होने में अब 40 दिन से भी कम दिन बचे हैं, इसलिए जितने भी श्रद्धालु यहां आना चाहते हैं, उन्हें आने दिया जाना चाहिए। श्रद्धालुओं के न आने के कारण स्थानीय लोगों की रोजी रोटी पर खतरा भी उत्पन्न हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार न्यायालय और कोविड के पूर्व में दिए गए दिशा-निर्देशों का यथासंभव पालन करा रही है।

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