हादसों का हॉटस्पॉट बन गया है वार्ड 38 का जलजमाव, ना जनप्रतिनिधि सुनते है ना अधिकारी

हादसों का हॉटस्पॉट बन गया है वार्ड 38 का जलजमाव, ना जनप्रतिनिधि सुनते है ना अधिकारी

Chhapra: शहर के गांधी चौक के समीप छोटा तेलपा जाने वाली सड़क इन दिनों हादसों का हॉटस्पॉट बनकर उभरी है. जलजमाव के कारण प्रतिदिन इस तीन मुहाने पर दर्जनों साईकल, बाइक, रिक्शा चालक, ऑटो इस स्पॉट पर आकर फंसते है और पलट जाते है. जलजमाव के कारण पानी का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है और ऐसे में दुर्घटनाएं हो रही है.

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आसपास के लोग किसी तरह मुसीबत में फंसे वाहन चालकों की मदद करते है और खुद के यहाँ रहने पर अफसोस कर रहे है. हालांकि जलजमाव की समस्या से कभी कभार निजात मिल जाती है. लेकिन पिछले एक वर्ष से यह स्थिति बनी है. सिर्फ यही नही इस मुख्य सड़क के अंदर गलियों का भी यही हाल है. वाहन तो नही लेकिन इस वार्ड के निवासी घुटने भर नाले के गंदे पानी में चलकर अपने घर जाने को विवश है.

छपरा नगर निगम द्वारा प्रतिदिन लाखों रुपये सफाई के नाम पर खर्च करने की क़वायद यहां से कोसों दूर है. हालात यह है कि अब इस रास्ते से ना वार्ड पार्षद जाती है, ना मेयर और ना ही विधायक और सांसद. बाकी प्रशासनिक पदाधिकारियों ने तो इधर नज़र दौड़ाना भी बंद कर दिया है. कभी कभार सफाई वाले आते है तो जलजमाव की गंभीर स्थिति देखकर कुछ घंटे के प्रयास के बाद वह भी चले जाते है. जनता का अपना घर है सो इस सड़क से जाना उनकी मजबूरी है.

क्या है जलजमाव का कारण
वार्ड 38 के इस क्षेत्र में जलजमाव की स्थिति पहले नही थी. डबल डेकर ब्रिज के निर्माण के कारण कई स्थानों पर नाला क्षतिग्रस्त हो गया. एक ओर से दूसरे ओर पानी निकलने का रास्ता बंद होने से निचले इलाकों में पानी जमा हो गया. लोकमान्य उच्च विद्यालय के मैदान में क्षेत्र का पानी पहले से भरा हुआ है. मुक्कल व्यवस्था नही होने के कारण घरों से निकलने वाला पानी और बरसात का पानी दोनों ने अपना रास्ता खुद बना लिया और निचले इलाकों, सड़को पर रुक गयीं. हालांकि कई बार नगर निगम द्वारा जलजमाव हटाने का प्रयास किया गया लेकिन उचित सफाई नही होने से यह स्थिति जस की तस है.

कमर भर पानी में रहने को विवश है मोहल्लावासी

क्या कहते है मुहल्लावासी
मुहल्लावासियों का कहना है कि प्रतिदिन इस सड़क पर दर्जनों वाहन पलट जाते है. जिससे वाहन और यात्री दोनों को निकाला जाता है. जलजमाव के कारण रास्ता स्पष्ट नही दिखता. जिससे नाले के अंदर स्लैब से इधर उधर दुर्घटना हो जाती है. किसी ना किसी दिन बड़ी घटना घट सकती है तभी प्रशासन की नींद खुलेगी.

उनका कहना है कि नगर निगम साफ सफाई के नाम पर खाना पूर्ति कर चला जाता है. अगर वह नालियों से कचड़ा निकाल ले और समय समय पर सफाई करें तो जलजमाव समाप्त हो जाएगा.

मुहल्लावासियों की नाराज़गी जनप्रतिनिधियों से है. उनका कहना है कि जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट मांगने आते है. जलजमाव और वाहनों के पलटने की जानकारी कई बार विधायक और मेयर से कही गयी. लेकिन किसी ने पहल नही की. ब्रिज निर्माण के कारण रास्ता बंद है सो इस रास्ते से अब वह गुजरते भी नही है. वही प्रशासन ने भी इस ओर आना बंद कर दिया है. लोगो का कहना है कि उन्हें चुनाव का इन्तजार है जिससे कि नेता उनके पास आये.

बहरहाल बारिश का मौसम शुरू है और ऐसे में छपरा के लगभग सभी इलाकों में जलजमाव की स्थिति आम बात है. सफाई के नाम पर लाखों रुपये प्रतिदिन खर्च करने वाले नगर निगम द्वारा ना नियमित रूप से डोर टू डोर कचड़ा लिया जा रहा है और ना ही बरसात को देखते हुए चिन्हित स्थानों की सफाई की जा रही है. जिससे कि आमजनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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