वयोवृद्ध विद्वान एवं देश के दो राष्ट्रपतियों के विशेष सलाहकार रहे आचार्य डॉ कात्यायन प्रमोद पारिजात शास्त्री का निधन

वयोवृद्ध विद्वान एवं देश के दो राष्ट्रपतियों के विशेष सलाहकार रहे आचार्य डॉ कात्यायन प्रमोद पारिजात शास्त्री का निधन

Chhapra: लब्धप्रतिष्ठ विद्वान, साहित्यकार, भाषाविद, पत्रकार एवं देश के प्रथम एवं द्वितीय राष्ट्रपतियों डॉ राजेंद्र प्रसाद एवं डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विशेष सलाहकार रहे आचार्य डॉ कात्यायन प्रमोद पारिजात शास्त्री का रविवार प्रातः करीब 8:30 अपने लोकमान्य नगरम, हवाई अड्डे के पास स्थित आवास में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. डॉ शास्त्री 89 वर्ष के थे.

डॉ शास्त्री देश के प्रथम एवं द्वितीय राष्ट्रपतियों के विशेष सलाहकार रहने के अतिरिक्त संस्कृत, हिन्दी अंग्रेज़ी, बांग्ला, मराठी समेत कई भाषाओं के विद्वान रहे हैं. उन्होंने हिन्दी पत्रकारिता में अपने योगदान के अतिरिक्त, बांग्ला एवं संस्कृत समेत कई भाषाओं में साहित्यिक रचनायें भी की थीं. उनके द्वारा लिखी डॉ राजेंद्र प्रसाद की जीवनी अजातशत्रु “बाबू”, बौद्ध दर्शन, उड़ते हुए सन्यासी एवं कंदराओं की कालभैरवी जैसी कई पुस्तकें अपने समय में अत्यधिक लोकप्रिय मानी जाती रहीं.

इसके अतिरिक्त वे लखनऊ में गोमती के भी संपादक रहे और साप्ताहिक हिन्दुस्तान, धर्मयुग, दिनमान, कादम्बिनी आदि पत्र-पत्रिकाओं के लिए लंबे समय तक अपनी रचनायें लिखते रहे थे. आकाशवाणी दिल्ली, लखनऊ, पटना एवं कोलकाता के लिए उन्होंने अपना योगदान दिया था.

आचार्य विनोबा भावे के भूदान आन्दोलन में डॉ पारिजात शास्त्री ने बाबा राघवदास के नेतृत्व में पूर्वांचल में सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा भी सम्पन्न की थी.

डॉ शास्त्री के निधन पर स्थानीय विधायक डॉ सी एन गुप्ता, पूर्व विधायक उदित राय समेत उनके देश-विदेश के शुभचिंतकों एवं मित्रों ने अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त की हैं.

0Shares

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें