Chhapra: सोमवार को छपरा विधि मंडल कार्यालय में छपरा बार काउंसिल के जनरल सेक्रेटरी रवि रंजन प्रसाद सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 1837 में न्यायालय बना लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने अधिवक्ताओं के लिए अलग से बजट नहीं बनाया. उन्होंने कहा कि कोई अधिवक्ताओं के बिना कोई न्यायालय नहीं चल सकता. सरकार ने वकीलों के लिए कोई योजना नहीं बनायी है.
उन्होंने बताया कि विधिमंडल के तीनों भवनों के निर्माण के लिए 22 करोड़ रुपये का प्राक्कलन तैयार करके मन्त्रल को रिपोर्ट भेजी गयी है. तीनों विधिमंडल भवनों का निर्माण के लिए 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार को 40% राशि राज्य सरकार देगी. अधिवक्ताओं को बैठने के लिए भारत सरकार और बिहार सरकार मिलकर भवन का निर्माण कराएगी.
गौरतलब है कि छपरा न्यायालय में 2600 से भी अधिक अधिवक्ताओं की संख्या है. जिसमें मात्र 1200 अधिवक्ताओं की बैठने की जगह है. भवन के निर्माण होने से अधिवक्ताओं की ये समस्या समाप्त हो जाएगी. उन्होंने बताया कि तीनों भवन आधुनिक होंगे जिसमें वातानुकूलित, लिफ्ट व अन्य सुविधा होगी.
इसके अलावें उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल में अधिवक्ताओं के बैठने के लिए शेड का निर्माण कराया गया था. साथ ही विधि मण्डल परिसर में 30 लाख की राशि ख़र्च करके शुलभ शौचालय का निर्माण कराया गया है. इसके अलावें आज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगा दिया गया. अधिवक्ता कल्याण के लिए मृत्यु उपदान राशि भी 15 हज़ार से बढ़ाकर 25 हज़ार कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए पेंशन, नवजवान अधिवक्ताओं के लिए स्टाइपेंड, मेडिकल क्लेम आदि की व्यवस्था करायी गयी है.
इसके अलावें उन्होने बताया कि अधिवक्ताओं के हिट के लिए हर उचित कदम उठाये जायेंगे.