Chhapra: शहर में इन दिनों कब कहा किसके साथ कौन सी वारदात हो जाए यह कहना मुश्किल है. चौक चौराहों पर पुलिस की मौजूदगी के बाद भी हल्की नोकझोक पर बाइक चालक ने स्कोर्पियो चालक को चाकू गोद दिया. हालांकि यह जख्म हल्का था जिसके कारण वाहन चालक की जान नही गयी. लेकिन इस वारदात की मुख्य वज़ह थी सड़क जाम.
राहगीरों में रोज होती है तू-तू मैं-मैं
शहर के सभी चौक चौराहों पर लगभग एक सी स्थिति है. आप चाहे पैदल हो या साईकिल से या फिर बाइक या चारपहिया से आपको सड़क पर चलने के दौरान कई जगहों पर राहगीरों से तू-तू मैं-मैं करना ही पड़ेगा.
अतिक्रमण को देख पुलिस बनी रहती है तमाशबीन
यातायात व्यवस्था के लिए चौक चौराहों पर खड़ी पुलिस अपनी ड्यूटी बजाती रहती है और ठेला, रिक्शा, ऑटो वाले सड़को पर अतिक्रमण किये रहते है जिनसे की सड़कों पर चलना ही मुश्किल है.
सबसे ज्यादा अतिक्रमण मौना चौक पर
सबसे ज्यादा इन दिनों मौना चौक और नगरपालिका चौक की स्थिति बद से बद्दतर है. ठेला और दुकानदारों ने मुख्य मार्ग का 50 प्रतिशत भाग अतिक्रमण कर लिया है जिससे कि यहाँ बाइक से चलना भी मुश्किल है. शाम के समय तो पैदल चलना भी इस चौक और साहेबगंज जाना भी दूभर है. मौना चौक पर यातायात पुलिस खड़ी रहती है और दुकानदार सड़को का धीरे धीरे अतिक्रमण कर लेते है. जिसके कारण यातायात व्यवस्था बहाल करने में पुलिस के ही पसीने छूटते है.
अतिक्रमण का कारण है ठेला खोमचा
शाम होने की साथ ही मुख्य चौक पर लीची और आम के ठेले से सड़क का अतिक्रमण कर लिया जाता है. कुछ छनिक लाभ मिलने से पुलिस भी अपनी आँखें मोड़ लेती है और राहगीर आपस मे लड़ झगड़ कर किसी तरह सड़क पार करते है.
पुलिस और प्रशासन को नही दिखता है अतिक्रमण
हालांकि यह अतिक्रमण यहाँ से से गुजरने वाले पुलिस और प्रशानिक पदाधिकारियों को भी नही दिखता है, क्योंकि उनकी गाड़ी को देखते ही तैनात पुलिस रास्ते से जाम को हटवाने लगती है. लेकिन आम जनता को तो प्रतिदिन इन छोटी बड़ी मुसीबतों से दो चार होना पड़ता है इस दरम्यान अब उनकी जान पर बन आ रही है.