Chhapra (Aman Kumar): किसी ने ठीक ही कहा हैै- यदि आपके हौसले बुलन्द हो तो सामने कितना भी विशाल संकट का पहाड़ हो, उसे भी आप आसानी से लांघ सकते हैं. इसी हौसले और उम्मीद का दामन थामे युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं, छपरा के पटेल छात्रवास में रहने वाले दिव्यांग शिक्षक गुड्डू कुमार सिंह. छपरा के गुड्डू कुमार सिंह जीवन मे संघर्ष करते हुए छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं. एक पांव नहीं होने के बाद भी वो हर रोज़ बैशाखी के सहारे तीन मंजिला इमारत पर चढ़कर छात्रों को पढ़ाने का कार्य करते हैं.
घण्टो खड़े होकर पढ़ाते हैं
तीन तीन घण्टे तक एक पांव पर खड़े रहकर पढ़ाना अपने आप में बड़ी बात है. एक सामान्य व्यक्ति तीन मंजिल पर चढ़ने के दौरान थक कर हर जाता है लेकिन गुड्डू तो फिरभी दिव्यांग है. दिव्यांग होने के बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और जीवन मे आगे बढ़ने के रास्ते ढूंढते रहे. उनके पढ़ाये हुए दर्जनों छात्र आज विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी कर रहे है.
गुड्डू का कहना है कि दिव्यांग होने की वजह से उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है. इन सब के बावजूद अगर आप खुद पर विश्वास करते हैं तो कुछ भी हासिल हो सकता है.
ज़िले के मकेर प्रखण्ड के ठहरा गांव निवासी तिवारी सिंह के 23 वर्षीय पुत्र गुड्डू 2009 से छपरा में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की. लेकिन कुछ खास सफलता नहीं मिलने पर बिना निराश हुए छात्रों को पढ़ाना शुरू किया.
वो बताते है कि शुरू में बगल के छात्र विभिन्न विषयों के सवाल पूछने आते थे. जिसका वो आसानी से जवाब बता देते. धीरे-धीरे वक़्त बीता तो कोचिंग खोलने की सोंची. आज सैकड़ो बच्चे गुड्डू के पास पढ़ने आते हैं. इस दिव्यांग शिक्षक ने कई छात्रों को प्रेरित करने का कार्य किया है.