Chhapra: टीबी मुक्त सारण अभियान का हुआ शुभारंभ शनिवार को शहर के एकता भवन में आयोजित कार्यक्रम में हुआ.
इस अवसर पर विधायक डॉ सीएन गुप्ता, केंद्र सरकार के अपर स्वास्थ्य सचिव संजीव कुमार, आयुक्त लोकेश कुमार सिंह, बिहार हेल्थ सोसाइटी के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार, जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, डॉ कुलदीप सिंह सचदेवा, जिला परिषद की अध्यक्ष मीणा अरुण, सिविल सर्जन ललित मोहन प्रसाद, स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर डॉ मेजर केएन सहाय समेत गणमान्य लोग उपस्थित थे.
इस अवसर पर केंद्र सरकार के अपर सचिव संजीव कुमार ने कहा कि देश को 2025 तक टीबी मुक्त कर दिया जाएगा. ग्लोबल लक्ष्य 2030 का है पर भारत सरकार ने इसे 2025 ही माना है. उन्होंने कहा कि जिले को टीबी मुक्त करने का कार्यक्रम लांच किया गया है. टीबी मुक्त होने के लिए जरूरी है कि मरीजों को चिन्हित कर उनका समुचित ईलाज हो. इस अभियान को जन आंदोलन के तौर पर चलाने की जरूरत है. सभी को अपने जिम्मेवारी को समझना होगा.
VIDEO
वही डॉ कुलदीप सिंह सचदेवा ने कहा कि 2025 तक टीबी के 80 प्रतिशत केस कम करने का लक्ष्य रखा गया है. देश को टीबी मुक्त करना है. इसके लिए टीवी के लक्षण से उसकी पहचान करनी है. वैन के माध्यम से जांच और घर घर जाकर मरीजों की पहचान करनी है. उन्होंने बताया कि मरीजों के पोषण के लिए हर महीने इलाज के दौरान 500 सीधे एकाउंट में आती है.
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने जिले में टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम को विस्तार से सभी को बताया. जबकि जिला परिषद अध्यक्ष मीणा अरुण ने कहा कि इस अभियान को पंचायत स्तर तक पहुंचाने की जरूरत है.
विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने कहा कि सभी को लगन ने इस अभियान में जुड़ने की जरूरत है. टीबी एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करती है. इसलिए जरूरी है कि इसका समुचित इलाज कराया जाए.
आयुक्त लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि इस अभियान में सबसे महत्वपूर्ण आशा कार्यक्रता और वे सभी सवास्थ्य कर्मी जो जमीनी स्तर पर मरीजों को चिन्हित करेंगे. मरीजों के इलाज का चक्र पूरा करना जरूरी है. काम बेहतरीन ढंग से किया जाना चाहिए.
बिहार हेल्थ सोसाइटी के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि आज का दिन सारण जिले के लिए महत्वपूर्ण है. बिहार में फिलहाल मरीजों को चिन्हित करने की जरूरत है. राज्य के सभी पीएचसी में टीबी का मुफ्त ईलाज की व्यवस्था है. परेशानी यह है कि मरीजों की पहचान नही हो पा रही है. जो मरीज इलाज के लिए दवा खाते है बीच मे छोड़ देते है जिसके कारण बीमारी का जड़ से ईलाज नही हो पाता. परिजन को पोषण के लिए 500 रुपये प्रतिमाह उपलब्ध कराई जाती है. उन्होंने लोगों से सारण जिला में टीबी को समाप्त करने की अपील की.
कार्यक्रम में टीबी उन्मूलन के लिए पुस्तक का भी विमोचन हुआ. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी और कर्मी, आशा दीदी उपस्थित थी.