संघर्षों से भरा रहा जीवन, अंतिम दम तक लड़ते रहे वरिष्ठ पत्रकार गुड्डू राय

संघर्षों से भरा रहा जीवन, अंतिम दम तक लड़ते रहे वरिष्ठ पत्रकार गुड्डू राय

Chhapra: जीवन पथ पर संघर्षों को झेलते हुए अपने को साबित करने वाले इंसान दूसरों के लिए प्रेरणा के श्रोत बनते है. कुछ ऐसे ही थे दिवंगत पत्रकार गुड्डू राय. संघर्षों से उनका सामना बचपन में ही हो गया था.

गुड्डू राय के संघर्षपूर्ण जीवन को याद करते हुए उनके मौसेरे भाई अभय लिखते है कि गौतम स्थान रेलवे स्टेशन पर एक छोटी चाय की दूकान से अपने पिताजी द्वारा बनाये हुए चाय को केटली में डाल, ट्रेन में छपरा से लेकर बलिया तक के बीच चाय और अखबार बेचने का काम भी उन्होंने किया. ताकि वे अपनी पढ़ाई कर सके. रिविलगंज के ऐतिहासिक प्राइमरी स्कूल में पढाई की. ऐतिहासिक इसलिए क्योंकि इसी प्राइमरी पाठशाला से लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने भी अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की थी.

अभय आगे लिखते है की अबोध बालक जब चाय की दूकान पर अखबार का इंतज़ार करते लोगों को देखता तो अक्सर सोचता आखिर इस अख़बार को कौन लिखता है, जो अखबार में लिखने वाले की लेखनी पढ़ने के लिए लोग सुबह सुबह बिना हाथ मुँह धोये लाइन लगाकर पन्नो को अलग अलग कर के पढ़ते हैं. इसी उहापोह ने उस अबोध बालक के मन में प्राइमरी की शिक्षा के दौरान ही एक प्रेरणा डाल दी कि मैं भी अख़बार में लिखने वाला ही बनूँगा.

दिवंगत पत्रकार गुड्डू राय ने राष्ट्रीय सहारा, प्रभात खबर, दैनिक जागरण जैसे अखबारों में अपना बहुमूल्य योगदान दिया. उन्होंने संजीवनी समाचार के नाम से अपना न्यूज़ पोर्टल भी शुरू किया.

वे अत्यंत मिलनसार और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति थे. उनके निधन से सारण की पत्रकारिता जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. वे अपने पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चे छोड़ गए है. 7 भाइयों में सबसे बड़े गुड्डू राय ने अपने सभी भाइयों की परवरिश में कोई कमी नही होने दी. आज उन सबको उनकी कमी खल रही है.
सारण के वरिष्ठ पत्रकार डॉ लाल बाबू यादव ने भी अपनी स्मृतियों को साझा किया है. उन्होंने लिखा कि-स्मृति शेष गुड्डू राय।
यह संभवतः 1984-85 की बात रही होगी उस वक़्त मैं पटना से प्रकाशित जनशक्ति का जिला स्तरीय संवाददाता था जनशक्ति उस वक़्त बिहार का पहला ऐसा दैनिक अखबार था जो जर्मनी से लाये गए ऑफसेट प्रेस में रंगीन छपता था विद्याभूषण श्रीवास्तव उस वक़्त रिविलगंज से जनशक्ति संवाददाता थेl मैं उनके साथ रिविलगंज बाजार से गुजर रहा था तो हमने देखा कि मुख्य बाजार में एक नौजवान जो पैरों से दिव्यांग था दोपहिया वाहनों को रोक कर टिकट के पैसे वसूल रहा है। हमलोग कुछ देर वही रूक गये इसबीच रिविलगंज के कम्युनिस्ट नेता डॉ. गोपाल जी वहां पहुँचे और उन्होंने ही मुझसे उस नवजवान का परिचय गुड्डू राय के रूप में करवाया मैंने उसके आँखों में कुछ कर गुजरने की बेचैनी देखी और यह तय हुआ कि गुड्डू राय अब रिविलगंज नगरपालिका क्षेत्र में जनशक्ति अखबार बेचेंगे….

स्मृति शेष गुड्डू राय।
यह संभवतः 1984-85 की बात रही होगी उस वक़्त मैं पटना से प्रकाशित जनशक्ति का जिला स्तरीय संवाददाता…

Posted by Lal Babu Yadav on Thursday, 22 April 2021

उनके पारिवारिक मित्र व पत्रकार मुकेश कुमार यादव उर्फ़ सोनू बताते है कि गुड्डू भाई का जीवन संघर्षों से भरा रहा. उन्होंने परिवार के हर सदस्य के जीवन को सवारने के लिए अपने स्तर से हर बेहतर प्रयास किये. वे सबको साथ लेकर चलने वाले थे. उनका असमय जाना हम सब के लिए बेहद दुःखद और अपूरणीय क्षति है.

डूब गया सितारा

Posted by Mukesh Kumar Yadav on Wednesday, 21 April 2021

सारण जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष डॉ विद्याभूषण श्रीवास्तव ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा- “पत्रकार गुड्डू राय नहीं रहे।
मेरे एवं पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति”

हमने एक युवा सहयोगी को खो दिया….

जिसे हमने अपने क्षेत्र में चलना सिखाया, लिखने पढ़ने की आदत डलवाया ,हौसला…

Posted by Vidya Bhushan Srivastawa on Thursday, 22 April 2021

उनको याद करते हुए छपरा टुडे डॉट कॉम के सम्पादक सुरभित दत्त ने लिखा- वरिष्ठ पत्रकार गुड्डू राय भैया नहीं रहें. उनके असामयिक निधन से सारण की पत्रकारिता को अपूरणीय क्षति हुई है.

गुड्डू भैया से सबसे पहली बार 2013 में नेशनल यूनियन ऑफ जॉर्नलिट्स के राज्य सम्मेलन में मुलाकात हुई थी. प्रभात खबर के सारण ब्यूरो प्रमुख ठाकुर संग्राम सिंह जी ने उनसे मेरी मुलाकात करवाई थी. तब गुड्डू भैया प्रभात खबर में कार्यरत थे. उस वक्त मैं सारण का पहला वेब न्यूज़ पोर्टल छपरा टुडे डॉट कॉम लांच कर चुका था. मुझे याद है ठाकुर साहेब ने उनसे मेरी मुलाकात यह कहते हुए करायी थी कि मुझे ये वेब समझ नहीं आता, आप गुड्डू जी को बताइए वे ये सब समझेंगे. इसके बाद उनसे जब भी मिला अपने से जूनियर को भी उन्होंने बेहद सम्मान दिया. अपने से छोटे से बातचीत का उनका विनम्र अंदाज हमेशा याद रहेगा.

पत्रकार नीरज प्रताप ने लिखा-<

#नमन : कोरोना ने पत्रकार व बचपन के मित्र गुड्डू राय को हम सबों से सदा के लिये दूर कर दिया। हमेशा मुझे कोरोना से बचने की…

Posted by Niraj Pratap on Wednesday, 21 April 2021

पत्रकार डॉ सुनील प्रसाद लिखते है कि- निःशब्द! आप इतना जल्दी हम सबों के बीच से चले जायेंगे विश्वाश नही हो रहा। आप हमेशा दिलों में जिंदा रहेंगे। आप कई दशकों से अपनी लेखनी से सारण की पत्रकारिता को एक नई ऊंचाई प्रदान की वह हमेशा अमर रहेगी। कई वर्षों तक आपके साथ कार्य करने का मौका मिला उसकी यादें हमेशा जिंदा रहेगी। आप एक नेकदिल इंसान के साथ कर्मठ व्यक्तित्व के धनी रहें हैं। मैं और मेरा परिवार आपका सदैव ऋणी रहेगा । मुश्किल दौर में जब मेरी पत्नी को खून की जरूरत थीं आपने उसे पूर्ण कर मुझे ऋणी बनाया था। एक बड़े भाई की तरह हमेशा आपका सानिध्य प्राप्त होता रहा।

छपरा टुडे डॉट कॉम के सह संपादक संतोष कुमार बंटी ने लिखा-

जो कोरोना की भयावहता को नही समझ रहे है. वह अब से भी सतर्क हो जाये.

💐💐💐💐दुखद 💐💐💐💐
छपरा की पत्रकारिता में एक कलम के सिपाही ( क्राइम बीट) की संख्या घट गई.
भगवान मृत आत्मा को शांति प्रदान करें.
💐💐💐💐💐💐💐💐💐नमन

Posted by Banty Kumar on Wednesday, 21 April 2021

गुड्डू राय जैसा संघर्षशील व्यक्ति आखिरकार जीवन और मौत के बीच संघर्ष में जीत नहीं सके पर उनके निधन ने मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था  पर कई सवाल खड़े किये है. उनके इलाजरत रहने के क्रम में ऑक्सीजन के लिए उनके भाइयों और करीबियों को संघर्ष करना पड़ा. उनके छोटे भाई गणपत आर्यन ने कई बार सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से दवा की उपलब्धता की गुहार भी लगाई जो सिस्टम की पोल खोलता है. 

सारण के वरिष्ठ पत्रकार गुड्डू राय जी को छपरा टुडे डॉट कॉम की विनम्र श्रद्धांजलि…..    

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