छपरा: जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के सभाकक्ष में मुख्यमंत्री के 7 निश्चय, हर घर नल का जल योजना के अन्तर्गत नीर निर्मल परियोजना का एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी दीपक आनंद ने किया.
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस निश्चय हर घर नल का जल मे जन भागीदारी को देखते हुए जिले के चिन्हित 21 पंचायत के मुखिया को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है, ताकि बिहार सरकार की ग्रामीण जलापूर्ति एवं स्वच्छता परियोजना का लाभ जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगो को मिल सकें. उन्होंने उप विकास आयुक्त से कहा कि इस योजना में अच्छे काम करने वाले मुखिया को सम्मानित किया जाय.
डीएम ने कहा कि इस योजना में 50 प्रतिशत भागीदारी विश्व बैंक, 29 प्रतिशत भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, 20 प्रतिशत बिहार सरकार एवं 1 प्रतिशत राशि लाभार्थी के अंशदान के रूप में प्राप्त किया जाना है. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य चिन्ह्ति क्षेत्र के सभी घरो तक सुदीर्घता के आधार पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना, मौलिक स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराकर एवं नई रणनीति का विकास कर खुले में शौच मुक्त बनाना है. सभी स्तरों पर लोक भागीदारी को सुनिश्चित करना जिससे की संचालन और रख-रखाव लागत में अंशदान प्राप्त हो सकें, विकासपरक विकेन्द्रित व्यवस्था के द्वारा ग्रामीण जलापूर्ति और स्वच्छता सेवाओं को उन्नत बनाना, संवेदी सामाजिक परिवेश का निर्माण करना जो स्वच्छता के सभी स्तरों पर स्वीकृत हो, ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन सहित वातावरण स्वच्छता के विकास के लिए सभी प्रयास को स्वीकार करना है.
इस परियोजना के अन्तर्गत जिले के 20 ग्राम पंचायतों के 113555 लोगो को लाभ मिलेगा. लाभार्थी द्वारा ग्रामीण जलापूर्ति योजना में सामुदायिक अंशदान के रूप में प्रति एक परिवार को 450 रूपया (सामान्य वर्ग से) एवं 225 रूपया प्रति बीपीएल परिवार द्वारा दिये जाने का प्रावधान है. जलापूर्ति योजना एवं रख-रखाव शुल्क संबंधी राशि का निर्धारण ग्राम पंचायत द्वारा तय किया जायेगा.
इस अवसर पर परियोजना के प्रबंध निदेशक शशिकांत तिवारी, अधीक्षण अभियंता निर्मल कुमार, उपविकास आयुक्त सुनिल कुमार, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी, उपसमाहर्ता मंजीत कुमार, सहायक अभियंता पीएचईडी मशरख, सोनपुर, कनीय अभियंता पी0एच0ई0डी0, विभिन्न पंचायतो से आये मुखियागण एवं संवेदक उपस्थित थे.