पोषण अभियान में 58 लाख से अधिक लोगों की जन-भागीदारी के साथ सारण ने बिहार में हासिल किया 11वां स्थान

पोषण अभियान में 58 लाख से अधिक लोगों की जन-भागीदारी के साथ सारण ने बिहार में हासिल किया 11वां स्थान

• जिले में 396361 गतिविधियों का हुआ आयोजन

• आईसीडीएस, स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों के समन्वय के साथ चला पोषण अभियान

• सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया गया

Chhapra:  वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच समाज व जिले से कुपोषण को मिटाने के उद्देश्य से आईसीडीएस व स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के समन्वय के साथ सितंबर माह को पोषण माह के रूप में मनाया गया था। साथ ही इस दौरान आयोजित होने वाली समस्त गतिविधियों को पोषण अभियान के डैशबोर्ड पर डालने के निर्देश भी दिये गए थे। जिसके अनुसार पोषण माह में 58 लाख 89 हजार 287 लोगों की भागीदारी हुई है। इस उपलब्धि के साथ जिला राज्य में 11वां स्थान हासिल किया है। कोरोना संकट के बीच पोषण अभियान में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनश्चित की गयी है।

3 लाख 96 हजार 361 गतिविधियां आयोजित
आईसीडीएस के डीपीओ वंदना पांडेय ने बताया राष्ट्रीय पोषण में निर्धारित गतिविधियों के आयोजन को लेकर पहले दिन से ही प्रयास गयृ हैं। जिले में कुल 3 लाख 96 हजार 361 गतिविधियां आयोजित की गयी हैं। जिसमें 58 लाख से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित कराते हुए उन्हें जागरूक किया गया है।

इतने लोग हुए शामिल
• गतिविधियां: 396361
• पुरूष: 16,29,409
• महिला: 26,19,897
• बालक: 5,96,214
• बालिक: 5,88,093

बेहतर प्रदर्शन करने वाले होंगे पुरस्कृत
पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह ने कहा पोषण माह अभियान में बेहतर कार्य करने वाले कर्मियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा। इसके लिए कर्मियों को इनसेंटिव भी देने का प्रावधान किया गया है। सरकार के निर्देशानुसार कार्य किया गया है। प्रतिदिन होने वाले गतिविधियों का डाटा पोर्टल पर अपलोड कराया गया है। जिसके आधार पर यह रैंकिंग जारी की गयी है।

सामुदायिक गतिविधियों से पोषण पर जागरूकता
जिला स्वास्थ्य समिति के डीएमइओ भानू शर्मा ने कहा पोषण माह के दौरान सामुदायिक स्तर पर आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों का विशेष आयोजन किया गया है। जिसमें अन्नप्राशन दिवस, गोदभराई एवं प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा दिवस के आयोजन मुख्य रूप से शामिल है। आशा कार्यकर्ता व आँगनवाड़ी सेविका अपने-अपने पोषक क्षेत्र में पूर्व नियोजित घरों का भ्रमण किया। साथ ही कमजोर नवजात शिशु की पहचान, 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों को ऊपरी आहार, महिलाओं में एनीमिया की पहचान एवं रोकथाम तथा शिशुओं में शारीरिक वृद्धि का आंकलन करने का कार्य की है।

पोषण के पाचं सूत्रों को बताया गया
पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक आरती कुमारी ने बताया इस पोषण माह में आम लोगों को पोषण पर जागरूक करने के लिए सामुदायिक स्तर पर आयोजित होने वाली गतिविधियों पर ज़ोर दिया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पोषण त्योहार से व्यवहार परिवर्तन के लिए पोषण के पाँच सूत्र दिये गए हैं। जिसमें पहले सुनहरे 1000 दिन, पौष्टिक आहार, अनीमिया प्रबंधन, डायरिया रोकथाम एवं स्वच्छता को शामिल किया गया है।

कोविड 19 के दौर में रखें इसका भी ख्याल
व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें.
बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.
छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें.
आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें
किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों
कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें
बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें

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