Chhapra: शहर के बीचों बीच रहने वाली हजारों की आबादी वाले मुहल्ले के लोग विगत 5 महीने से घुटने भर पानी मे चलकर आते और जाते है. हल्की बारिश में तो सड़क पर पैर रखने तक की जगह खोजनी पड़ रही है.
शहर के वार्ड 33 के तहत आने वाले नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन महेंद्र बाबू की गली का यह हाल इसके निर्माणधीन होने के कारण हुआ है. मौना साढ़ा रोड की इस सड़क में खनुआ नाले से निकलने वाले गंदे पानी का जलजमाव हुआ करता था. विगत वर्ष स्थानीय विधायक डॉ सी एन गुप्ता के कोष से इस सड़क का भाग्य उदय हुआ. जिसके कारण इस वर्ष 2020 में इसकी निविदा और फिर संवेदक द्वारा फरवरी माह में इसके जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ हुआ.
करीब 350 फिट की सड़क के लिए करीब 7 लाख रुपये आवंटित हुए. किसी तरह सड़क निर्माण शुरू हुआ लेकिन निर्माण के साथ ही विवाद शुरू हुआ. निविदा की राशि कम होने से संवेदक पुराने नाले पर निर्माण कराकर नाला निर्माण का लीपापोती करने लगे जिसपर स्थानीय वार्ड पार्षद एवं अन्य लोगों ने कंप्लेन कर दिया.
जांच के बाद नाला का काम पूरा हुआ अब सड़क ढलाई के लिए पड़ी है. 68 दिनों के lockdown समय के साथ फरवरी से 15 जून के महीना चल रहा है. लेकिन इस सड़क को लेकर संवेदक द्वारा कोई पहल नही की जा रही है. अनलॉक 1 में सभी निर्माण कार्य सुचारू रूप से चल रहे है ऐसे में सड़क निर्माण कार्य ठप्प होने से हजारों की आबादी घुटने भर पानी मे चलकर रोज अपने कार्यो को करने जा रही है. ऊपर से बरसात का मौसम आ चुका है.
उधर संवेदक प्रहलाद चौरसिया का कहना है कि सड़क निर्माण की लागत कम है. निर्धारित राशि मे कार्य करना मुश्किल हो रहा है. निर्माणधीन सड़क में सिर्फ सड़क की ढलाई और नाला निर्माण था, लेकिन सड़क की गहराई ज्यादा होने और निविदा की राशि कम होने से मुश्किल उत्पन्न हो रही है.
अब देखने वाली बात होगी की इस चुनावी साल में मुहल्लेवालों को आखिर कब तक नयी सड़क मिल पाती है.