तरक्कीयाफ्ता कौमें अपनी मातृभाषा से करती हैं प्यार, उर्दू भाषी प्रोत्साहन वाद-विवाद प्रतियोगिता में छात्रों ने दिखाया हुनर
छपरा: तालीम और इल्म ऐसा धन है जो एक अखबार बेचने वाले बच्चे को देश का मिसाइल मैन और राष्ट्रपति बना सकता है. उक्त बातें डीआरडीए निदेशक कैयूम अंसारी ने उर्दू भाषी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए कहीं. पूर्व में उद्घाटन प्रभारी डीएम सह डीडीसी यतेंद्र पाल ने दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर विषय प्रवेश करते हुए उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल ने कहा कि दुनिया की सभी तरक्कीयाफ्ता कौमें अपनी मादरी जुबान से बहुत प्यार करती हैं. उसके बदौलत ही वे दुनिया के सबसे विकसित देशों में शामिल हैं. हमें भी अपनी मातृ भाषा से वैसी ही मुहब्बत दिखानी होगी.
उन्होंने कहा कि उर्दू का विकास तभी होगा जब हम उसे पढ़ें, बोलें और उसका प्रयोग करेंगे. घरों में उसका इस्तेमाल हो. विशिष्ट अतिथि अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रवि प्रकाश ने कहा कि उर्दू विषय लेकर सिविल सर्विस से लेकर तमाम प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पायी जा सकती है. इसके प्रयोग से बातों में खूबसूरती, असर और प्रभाव पैदा होता है. उन्होंने प्रतियोगिता के लिहाज से महत्वपूर्ण बिंदुओं को रेखांकित किया. अतिथियों का स्वागत करते हुए उर्दू भाषा कोषांग की प्रभारी पदाधिकारी सरवत जहां ने कार्यक्रम पर प्रकाश डाला.
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के उर्दू निदेशालय के द्वारा प्रायोजित यह कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष जिला उर्दू भाषा कोषांग आयोजित करता है. इसके अतिरिक्त मुशायरा-सेमिनार और कार्यशाला और उर्दू पत्रिका का प्रकाशन आदि के द्वारा भी उर्दू के विकास का सार्थक प्रयास किया जा रहा है. विशिष्ट अतिथि डीएसओ शमीम अंसारी ने उर्दू को विशुद्ध रूप से भारतीय भाषा बताते हुए उसे प्यारी और मीठी जुबान कहा. अति विशिष्ट अतिथि अल्ताफ आलम राजू ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका अविस्मरणीय है. इसका प्रयोग आज भी संसद से लेकर सड़कों तक भाईचारा और एकता स्थापित करने के लिए किया जा रहा है. अतिथियों को पौधों का गमला प्रदान कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया.
प्रतियोगिता में कुल 43 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. जिनमें से मैट्रिक स्तर पर शाएका परवीन को प्रथम, आइसा, रुखसार व समीर को द्वितीय और फातमा शमीम, शगुफ़्ता, खुशी व चांदनी को तृतीय स्थान पर चयनित किया गया. इंटर स्तर पर फैयाज को प्रथम, इमरान, मुस्कान व माहेनूर को द्वितीय और रौनक, शहजादी, यास्मीन व इशरत को तृतीय स्थान पर चुना गया. वहीं स्नातक स्तर पर मो दय्यान अली को प्रथम, सबा, आसिफ व उम्मे हबीबा को द्वितीय और फिजा, अरमान, शाइस्ता व बुशरा को तृतीय स्थान पर चयनित किया गया. सभी विजेताओं को मेडल देकर सम्मानित किया गया. अलग समारोह आयोजित कर सभी विजेताओं को नगद पुरस्कार और प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा.
निर्णायक की भूमिका प्राचार्य सैयद अख्तर हसन जमाल, हाफिज मो शारिफ तथा शगुफ़्ता परवीन ने निभाया. संचालन नदीम अहमद ने किया. मौके पर नबी अहमद, आफताब आलम, शेफारत हुसैन, जहांगीर आलम मुन्ना, यूडीसी मो ज्याउल हक, हारुन रशीद, सैफुर रहमान, अबुल जैश आदि उपस्थित थे.