अपने ही जन्मस्थली में उपेक्षित है भिखारी ठाकुर, सरकारी आयोजन की सुगबुगाहट अब तक नही: ललन राय

अपने ही जन्मस्थली में उपेक्षित है भिखारी ठाकुर, सरकारी आयोजन की सुगबुगाहट अब तक नही: ललन राय

Chhapra: लोक कलाकार एवं भोजपुरी के शेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर की जयंती आगामी 18 दिसंबर को है. लेकिन प्रशासनिक स्तर पर जयंती समारोह आयोजन की सुगबुगाहट अब तक नहीं दिखने से स्थानीय लोग काफी चिंतित हैं.

जनकवि भिखारी ठाकुर लोक साहित्य सांस्कृतिक महोत्सव कुतुबपुर दियारा के अध्यक्ष ललन राय ने प्रेस वार्ता के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिवर्ष लोक कलाकार की जयंती भव्य तरीके से मनाई जाती रही है, लेकिन इस बार भिखारी ठाकुर की जयंती समारोह को लेकर प्रशासन की ओर से कोई गतिविधि दिखाई नहीं दे रही है. 18 दिसंबर में अब कुछ दिन शेष रह गए हैं, लेकिन अब तक किसी प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा ना ही भिखारी ठाकुर के जन्मस्थली का निरीक्षण किया गया और ना ही स्थानीय लोगों से इस आयोजन पर किसी तरह की चर्चा की गई है.

श्री राय ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व कला एवं संस्कृति मंत्री विनय बिहारी द्वारा भिखारी ठाकुर जयंती की जयंती को राजकीय आयोजन की अनुमति प्रदान की गई. जिसमें सरकारी एवं जनभागीदारी से इस आयोजन को करने का पत्र जारी किया गया जिसके बाद से भिखारी ठाकुर की जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाई जाती रही है. लेकिन इस बार इस आयोजन को लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है, जिससे ग्रामीण चिंतित हैं.

श्री राय ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इस जयंती समारोह को लेकर करीब सात लाख से अधिक की राशि अनुमानित तौर पर दी जाती है. लेकिन बजट के अनुसार कार्यक्रम की भव्यता नहीं दिखती है.

आयोजन में 4 से 5 दिन शेष हैं लेकिन अब तक सरकारी स्तर पर किसी पदाधिकारी द्वारा इस आयोजन के संबंध में किसी तरह का विचार विमर्श स्थानीय कलाकार एवं जन समुदाय से नहीं किया गया. जिससे इस कार्यक्रम के आयोजन में खानापूर्ति होने की आशंका है.

सांस्कृतिक महोत्सव के संयोजक, सचिव सहित अन्य लोगों का कहना है कि भिखारी ठाकुर की जयंती पर देश एवं विदेश में बड़े बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. लेकिन स्वर्गीय ठाकुर अपने जन्म स्थली में ही उपेक्षित हैं. अगर वह किसी बड़े समुदाय के होते तो निश्चित तौर पर यहां बड़ा आयोजन किया जाता, लेकिन कार्यक्रम को लेकर बरती जा रही उदासीनता स्वर्गीय ठाकुर के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है.

संस्कृतिक महोत्सव से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार गोल्डनगंज स्टेशन का नाम भिखारी ठाकुर धाम के नाम से करें, साथ ही पटना में एक रंगशाला का निर्माण करें जिससे युवा पीढ़ी भोजपुरी के क्षेत्र में आगे बढ़ सके, साथ ही साथ उन्होंने भिखारी ठाकुर के परिजनों के प्रति भी सरकार की चिंता जाहिर करने की मांग की. जिससे कि परिवार का उत्थान हो सके.

इस मौके पर सचिव कृष्ण कुमार वैष्णवी, संयोजक विनय राय, श्याम जी प्रसाद एवं अविनाश नागदा मौजूद थे.

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