Chhapra: अस्पताल कर्मी व भाजपा के युवा नेता पीयूष आनंद की हत्या की गुत्थी को सारण पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
एसपी हरकिशोर राय ने बताया कि पीयूष आनंद की हत्या नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे के लेनदेन के लिए कर दी गयी थी. उन्होंने बताया कि गरखा थाना क्षेत्र निवासी अफजल अंसारी और धीरेंद्र पांडेय ने पीयूष आनंद के माध्यम से स्थानीय अलग अलग लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर 16 लाख रुपये लिए थे. बाद में ना ही नौकरी लगवाई और ना ही पैसा ही लौटाया जा रहा था. जिसके बाद पैसे के वापसी के लिए पीयूष के द्वारा दबाब बनाया जाने लगा. इसको लेकर स्थानीय लोगों के बीच पंचायती भी हुई थी. जिसके बाद धीरेंद्र पांडेय ने स्थानीय अपराध कर्मी के साथ मिलकर सुनियोजित षड्यंत्र रचा और पीयूष की हत्या कर दी.
पुलिस ने कांड में संलिप्त गरखा निवासी अफजल अंसारी और धीरेंद्र कुमार, भगवान बाजार थाना क्षेत्र के श्यामचक निवासी बबलू कुमार को गिरफ्तार कर लिया.
उन्होंने बताया कि अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है. जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा. उन्होंने बताया की गिरफ्तार अफजल अंसारी भी अस्पताल कर्मी है.
हत्याकांड का उद्भेदन करने वाली टीम ने सदर एसडीपीओ अजय कुमार के नेतृत्व में एसआइटी अरुण कुमार अकेला, गौरी शंकर बैठा, मनीष कुमार, मनोज कुमार देवेन्द्र कुमार आदि शामिल थे.
इन लोगों से लिए गए थे पैसे
एसपी ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर राजेश कुमार से 6 लाख, राजू अंसारी से 2 लाख, इश्तेहार अली से 6 लाख, कृष्णा राय से 2 लाख रुपये लिए गए थे.
इसे भी पढ़े: भाजपा नेता सह अस्पताल कर्मी पीयूष आनंद की हत्या, पुलिस जांच में जुटी
आपको बता न कि पीयुष आनंद की हत्या गरखा थाना क्षेत्र के अलोनी के पास सोमवार रात अज्ञात अपराधियों के द्वारा कर दी गयी थी. जिसके पुलिस पर की गिरफ्तारी को लेकर दबाब था.