Chhapra: सदर अस्पताल के डेटा ऑपरेटर पीयूष हत्याकांड की गुत्थी पूरी तरह सुलझ चुकी है. पीयूष की हत्या में संलिप्त 3 को गिरफ्तारी के बाद अब पूरी कहानी सामने आ गयी है. 3 की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ के बाद अब इस हत्याकांड के मुख्य सरगना मुन्ना की गिरफ्तारी के बाद सबकुछ आईने की तरह साफ हो गया है. गिरफ्तार मुन्ना के अनुसार 4 लाख रुपये में पीयूष की हत्या के लिए उसने सुपारी ली थी. हालांकि इस सुपारी में तय राशि भले ही मुन्ना की नही मिली थी. इसी बीच इस हत्याकांड के उद्भेदन के दौरान गिरफ्तारी ने इस हत्याकांड के सभी रहस्यों पर से पर्दा उठा दिया.
गौरतलब है कि गड़खा थाना क्षेत्र के अलोनी बाजार से करीब आधा किमी दूर मकीनपुर रोड में 8 जून की देर शाम पीयूष आनंद की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
पुलिसिया पूछताछ में मुन्ना राय ने पुलिस को बताया कि चार लाख रुपये में उसे पीयूष की हत्या की सुपारी दी गई थी. उसमें से 19 सौ रुपये ही मिले थे.
पीयूष की हत्या की साजिश उसके दोस्तों ने ही रची थी. मुन्ना ने बताया कि नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से वसूल किए गए 16 लाख रुपये वापस करने के लिए पीयूष पर भारी दबाव पड़ रहा था. इसपर पीयूष अपने दोस्त व संविदाकर्मी अफजल अंसारी एवं धर्मेंद्र पर रुपये वापस करने का दबाव बनाने लगा था. इसी वजह से उसके दोस्तो ने ही उसकी हत्या की साजिश रची.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुन्ना पहले भी छोटे-मोटे आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका था. वर्तमान में वह पटना स्थित एक किराना दुकान में सीधे सादे युवक के तौर पर काम करने लगा था. पीयूष के दोस्तों ने मुन्ना राय के ठिकाने के बारे में पता लगाया और वे पटना जाकर उससे मिले. बातचीत के बाद हत्या की सुपारी चार लाख रुपये में दी गई. हत्या कहां और किस प्रकार हो यह वहीं तय किया गया.
मुन्ना ने पुलिस को बताया कि सदर अस्पताल का एंबुलेंस चालक विनोद हत्या के दिन पीयूष को बुलाकर गड़खा ले गया. इधर पहले से तय साजिश के तहत मुन्ना उस दिन दस बजे सुबह में अपने घर रामगाढ़ा आ गया था.उसने दिन भर इंतजार किया. शाम होने पर सेटिंग के अनुसार वह अपने घर से अलोनी पेट्रोल पंप के समीप पहुंचा. वहां कुछ देर खड़े रह कर इंतजार किया. तभी एंबुलेंस चालक विनोद छपरा से पीयूष को लेकर वहां पहुंचा. वहां अफजल सहित उसके दूसरे दोस्त भी पहुंच गए. मौके पर मौजूद मुन्ना राय ने पीयूष की पीठ में कट्टा सटा कर गोली मार दी. मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
पीयूष की हत्या के बाद मुन्ना मकीनपुर के रास्ते फुरसतपुर गांव के समीप गंडकी नदी के किनारे पहुंचा. वहां अपना मोबाइल व हत्या में प्रयुक्त कट्टा गंडकी नदी में फेंक कर फरार हो गया. पुलिस की पूछताछ में मुन्ना ने बताया कि हत्या करने के बाद तय राशि में से उसे सिर्फ 19 सौ रुपये ही मिलें. पीयूष के दोस्तों ने कहा कि काम के बाद एटीएम से निकाल कर दे देंगे. लेकिन रुपये देने से पूर्व वे लोग पुलिस द्वारा पकड़े गए.
वही पुलिस इस हत्याकांड में प्रयुक्त हथियार की खोज कर रही है.
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