Chhapra: जिले में कोविड टीकाकरण प्रारम्भ हो चुका है और स्वास्थ्य कर्मियों एवं फ्रंटलाइन कार्मिकों के बाद अब शीघ्र ही 50 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के टीकाकरण का अभियान प्रारम्भ होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि वह सभी प्रकार के स्वास्थ्य केंद्रों में व्यापक पैमाने पर टीकाकरण की तैयारियों के इंतजाम करें क्योंकि मार्च में 50 साल से अधिक उम्र के और बीमार लोगों को भी टीकाकरण करने की शुरुआत की जानी है। पत्र में स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि एक मार्च से सभी स्वास्थ्य केंद्रों में टीकाकरण की तैयारी आरंभ करें। इनमें अस्पताल, मेडिकल कालेज, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर उप केद्रों तक में इंतजाम करने को कहा गया है। टीकाकरण के लिए इन केंद्रों में आवश्यक कोल्डचेन तैयार करने को कहा गया है। इसको लेकर विभागीय स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गयी है।
कोविन पोर्टल पर कराना होगा रजिस्ट्रेशन:
टीकाकरण के लिए नागरिकों को कोविन प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करवाना होगा और यह पंजीकरण ओ.टी.पी. आधारित आधार सत्यापन से किया जाएगा। इसके लिए 50 से अधिक आयु के व्यक्ति का आधार नामांकित मोबाइल नम्बर आधार के साथ जुड़ा हुआ होना चाहिए। कोविन एप पर टीकाकरण पंजीकरण प्रारम्भ होते ही आमजन को आधार नामांकन व अद्यतन की आवश्यकता रहेगी।
18 साल से कम उम्र के बच्चे व गर्भवती महिलाओं को नहीं लगेगा टीका:
टीका पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है। जिले में अब तक किसी भी व्यक्ति में टीकाकरण के बाद कोई साइड इफ़ेक्ट देखने को नहीं मिला है। टीका गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिला और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और बच्चियों को नहीं दिया जाएगा। वैक्सीन की प्रभावशीलता 80 से 90% है। वैक्सीन बेहद कारगर है। इसके अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं।
पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज:
कोरोना वैक्सीन दो खुराक की है। पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाती है। दोनों डोज लेना जरूरी है। सभी को वैक्सीनेशन कार्यक्रम का सही से पालन करना चाहिए।वैक्सीनेशन की दूसरी डोज के 2 हफ्ते के बाद ही वायरस के खिलाफ बॉडी में पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाती है। इस समय तक वैक्सीनेशन कराने वाले को भी कोविड व्यवहार (बिहेवियर) और गाइडलाइंस का पालन करते रहना चाहिए।
वैक्सीन सुरक्षित (सेफ) है, बिना डरे करांए टीकाकरण:
देश में वैक्सीन को लॉन्च करने की अनुमति तभी मिलती है जब रेगुलेटरी बॉडी के मानक पर वैक्सीन की सुरक्षा (सेफ्टी) और प्रभाव खरा उतरता है। सेफ्टी सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर होता है। इसके लिए जितने भी जरूरी जांच और ट्रायल हैं वो वैक्सीन को लॉन्च करने से पहले सख्ती से पालन किए गए हैं। यही वजह है कि वैक्सीन सुरक्षित है, बिना डरे इसे जरूर लगवाएं।
कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्तियों को भी टीका लेना जरूरी:
कोरोना के सक्रिय (एक्टिव) मरीज को वैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अगर वे वैक्सीनेशन साइट पर जाएंगे तो उनकी वजह से टीका लगवाने आए अन्य लोगों को कोरोना का संक्रमण (इन्फेक्शन) होने की संभावना रहेगी । इसलिए जब ये मरीज ठीक हो जाएं तो उसके 4 हफ्ते बाद ही वैक्सीनेशन को जाएं। कोरोना से उबरे मरीजों में एंटीबॉडी अपने आप बनती है, लेकिन कब तक रहेगी, कह नहीं सकते। इसलिए ये लोग भी टीका जरूर लगवाएं। टीका इनकी इम्युनिटी को और मजबूत करेगा। कोरोना से ठीक होने के बाद भी संक्रमण की संभावना रहती है।