- 33/11 केवी शक्ति उपकेंद्र की कुल क्षमता होगी 2×15 MVA
- 8.77 करोड की लागत से बनेगा जेपी विश्वविद्यालय का डेडिकेटेड विद्युत उपकेंद्र
- प्रभुनाथ नगर एवं तेलपा पीएसएस पर निर्भरता होगी समाप्त
- मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण निर्बाध बिजली
Chhapra: स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रुडी ने सारण के चहुमुखी विकास के लिए अपनी दूरदर्शी सोच के तहत सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्र तक, युवा, महिला, पुरुष से लेकर बुजुर्गों तक के लिए बड़ी योजनाओं का कार्यान्वयन कर रहे है।
इसी के तहत छपरा में मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण हो रहा है। भविष्य में कॉलेज के लिए निर्बाध बिजली की जरूरतों को देखते हुए सांसद की पहल पर अब जयप्रकाश विश्वविद्यालय परिसर में नया विद्युत शक्ति उपकेन्द्र की स्थापना की जायेगी।
इसके लिए 8.77 करोड़ रुपया स्वीकृत हो चुका है। जिसके लिए निर्बाध बिजली की आवश्यकता होगी। भविष्य की इसी जरूरत को पूरा करने के लिए सांसद ने यह नया शक्ति उपकेंद्र स्वीकृत कराया है।
इस संदर्भ में सांसद ने बताया कि अभी जयप्रकाश विश्वविद्यालय एवं आस-पास के क्षेत्र में प्रभुनाथ नगर एवं तेलपा पीएसएस से विद्युत की आपूर्ति की जा रही है वहीं अब इस क्षेत्र का अपना डेडिकेटेट पावर सब स्टेशन होगा।
नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रब्यूशन कंपनी लि॰ के क्षेत्राधिकारी वाले इस उपकेंद्र के निर्माण से प्रभुनाथ नगर एवं तेलपा पीएसस पर निर्भरता समाप्त हो जायेगी।
मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, जयप्रकाश विश्वविद्यालय को नये उपकेंद्र से आवश्यकतानुसार निर्बाध बिजली मिलेगी जिससे कॉलेज में इस क्षेत्र के लिए अलग से डेडीकेटेड पावर सब-स्टेशन का निर्माण कराया जायेगा।
सांसद ने बताया कि 33/11 केवी शक्ति उपकेंद्र की कुल क्षमता 2×15 MVA होगी। इसकी अनुमानित लागत 8.77 करोड़ रुपये है।
रुडी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकासवादी नीतियों और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के सहयोग से सारण विकास के पथ पर अग्रसर है। सारण की जनता को सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है और सारण का चहुंमुखी विकास हो रहा है।
विकास में बिजली की महती भूमिका है। इससे न केवल जनमानस का जीवन बेहतर होता है बल्कि उद्योग धंधो के साथ-साथ कृषि का भी विकास होता है।
सांसद श्री रुडी ने कहा कि इस विद्युत उपकेंद्र के स्थापित हो जाने से कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अलावा स्थानीय निवासियों को काफी लाभ होगा। इससे विद्युत आपूर्ति में व्यापक सुधार होगा और गुणवत्तापूर्ण निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित हो जायेगी।