Chhapra: छपरा नगर निगम की महापौर के विरुद्ध नगर निगम के पार्षदों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 22 सितंबर को बैठक बुलाने का फैसला किया गया है. 22 सितंबर को यह तय हो जाएगा कि छपरा की मेयर प्रिया सिंह की कुर्सी बचेगी या जाएगी.
मेयर प्रिया सिंह ने बताया कि बैठक की सूचना नियम अनुसार सभी सदस्यों एवं संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई है. बैठक से संबंधित सभी आवश्यक प्रबंध भी किए जा रहे हैं. प्रिया सिंह ने बताया कि वार्ड पार्षद द्वारा मेरे ऊपर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, उस पर बहस एवं मत हेतु हफ्ते के अंदर फैसला लेना था. जिसके बाद 22 सितंबर को विशेष बैठक बुलाई जा रही है.
44 वार्ड पार्षदों में से 29 ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए दिया था आवेदन
मेयर प्रिया देवी के खिलाफ 44 वार्ड पार्षदों में से 29 ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पांच सितंबर को नगर आयुक्त को आवेदन दिया था. इसमें मेयर पर कर्तव्य एवं दायित्व के विरुद्ध कार्य करने, पार्षदों को अपमानित करने, मनमानी ढंग से कार्य करने, योजनाओं के चयन में पक्षपात करने एवं जनहित के मामलों की अनदेखी करने का आरोप वार्ड पार्षदों ने लगाया था.
अंडरग्राउंड हुए कई वार्ड पार्षद
वहीं दूसरी तरफ छपरा नगर निगम के कई वार्ड पार्षद गोलबंद होकर मेयर प्रिया सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं. नगर निगम के कुछ वार्ड पार्षद अंडरग्राउंड हो गए हैं. जिससे छपरा नगर निगम की राजनीति गरमा गई है. वहीं दूसरी तरफ मेयर अपने पक्ष के वार्ड पार्षदों को एकत्रित करने में लगी है. वहीं विपक्ष भी वार्ड पार्षदों को गोलबंद कर रहा है.
कुर्सी बचाने के लिए 23 मतों की जरूरत
छपरा नगर निगम में 45 वार्ड पार्षद है. मेयर को विश्वास मत जीतने के लिए 23 मतों की जरूरत है. ऐसे में देखने वाली बात होगी की मेयर की कुर्सी बचती है या फिर गवानी पड़ती है.
बता दें कि इससे पहले भी छपरा नगर निगम की मेयर पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. लेकिन बहुमत मिलने के बाद प्रिया सिंह की कुर्सी बरकरार रही थी. एक बार फिर से पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है.