छपरा: बहुचर्चित मध्याहन भोजन योजना कांड की सुनवाई बुधवार को पूरी कर ली गयी. जिला एव सत्र न्यायाधीश द्वितीय द्वारा इस घटना की मुख्य आरोपी मीना कुमारी को दोषी करार देते हुए 29 तारीख तक फैसले को सुरक्षित कर लिया है वहीँ इस घटना के अप्राथमिक अभियुक्त अर्जुन राय को दोष मुक्त कर दिया है. अंतिम दिन कि सुनवाई को लेकर न्यायालय परिसर में चाक चौबंद व्यवस्था थी.
फैसले को लेकर सभी की निगाहें नयायाधीश के कमरे पर टिकी थी. दोपहर करीब 3:30 बजे से घटना को लेकर कार्यवाही शुरू की गयी. कार्यवाही शुरू होने के साथ ही प्राथमिक विद्यालय गंडामन की तत्कालीन प्रभारी प्रधानाध्यापिका मीना कुमारी और पति अर्जुन राय कोर्ट पहुचें. मुक़दमे को लेकर बचाव पक्ष से भोला राय और अभियोजन पक्ष से सुरेन्द्र सिंह बेजोड़ ने अपनी अपनी दलील को रखा. कोर्ट के अन्दर मीना कुमारी और अर्जुन राय के पहुँचते कोर्ट ही कार्यवाई शुरू की गयी. जिला एव सत्र न्यायाधीश द्वितीय विजय आनंद तिवारी ने फैसला सुनाते हुए मीना कुमारी को दोषी करार दिया वहीं उनके पति अर्जुन राय को दोष मुक्त कर दिया.दोषी करार होने के बाद मीना कुमारी को सजा 29 अगस्त 2016 को सुनाई जाएगी.
विदित हो कि 16 जुलाई 2013 की दोपहर मशरख प्रखंड के धर्मासती गंडामन स्थित प्राथमिक विद्यालय में मध्याहन भोजन खानें से 23 बच्चों की मौत हो गयी थी. मध्याहन भोजन में जहरीले पदार्थ को लेकर मृत आशीष के पिता अखिलेश्वर मिश्रा के द्वारा मशरख थाने में मुकदमा दायर किया गया था. कई दिनों तक फ़रार रहने के बाद मीना कुमारी और अर्जुन राय ने नगर थाने में आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पण के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मीना कुमारी की सीजेएम कोर्ट में पेशी की गयी. उस समय से अब तक कई बार दोनों ही अभियुक्तों द्वारा दायर बेल अर्जी को कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.