Chhapra: जैव चिकित्सा अवशिष्ट प्रबंधन नियमावली 2016 के तहत जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक हुई. बैठक में जिलाधिकारी हरिहर प्रसाद ने कहा कि चिकित्सा से संबंधित कचरे का सही ढ़ग से प्रबंधन नही करने वाले चिकित्सा संस्थानों को दण्डित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि जैव चिकित्सा अवशिष्ट नियमावली 2016 के तहत चिकित्सा से संबंधित कचरे का प्रबंधन करना है. इसके लिए सरकार द्वारा मेडीकेयर इन्वार्मेन्टल मैनेजमेंट प्रा0 लि0 को चिकित्सा संबंधी कचरे का प्रबंधन करने की जम्मेवारी दी गयी है. ये संस्था सभी चिकित्सा संबंधी संस्थानो से कचरे का कलेक्शन कर उसका प्रबंधन करेगी.
जिन संस्थानों से मेडीकेयर इन्वार्मेन्टल मैनेजमेंट प्रा0 लि0 कचरे का कलेक्शन करेगी उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित दर पर कलेक्शन हेतु भुगतान करना आवश्यक होगा. उन्होंने कहा कि जिले में अभी तक 150 चिकित्सकीय संस्थानों को चिन्हित किया जा चुका है परन्तु मात्र 49 संस्थानों से ही कचरे का उठाव हो पा रहा है बाकी बचे संस्थानों की जिम्मेवारी है कि वे मेडीकेयर इन्वार्मेन्टल मैनेजमेंट प्रा0 लि0 के कलेक्शन सेंटर को अपना कचरा दे अन्यथा उन्हें दण्डित किया जाएगा.
बैठक में मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, आईएमए के स्थानीय प्रतिनिधी, डॉ बी.के. श्रीवास्तव, मेडीकेयर इन्वार्मेन्टल मैनेजमेंट प्रा0 लि0 के प्रतिनिधी, मानस, छपरा के देवेश दिक्षीत एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के के सदस्य उपस्थित थे.