देश को आजाद कराने में महेंद्र बाबू का अविस्मरणीय योगदान : आर एम

देश को आजाद कराने में महेंद्र बाबू का अविस्मरणीय योगदान : आर एम

विश्व बंधुत्व के समर्थक थे महान स्वतंत्रता सेनानी महेंद्र बाबू

महेंद्र प्रसाद की 145 वी जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

महेंद्र बाबू के व्यक्तित्व व कृतित्व पर वक्ताओं ने विस्तार से प्रकाश डाला


Chhapra: देश को आजाद कराने में महान स्वतंत्रता सेनानी महेंद्र बाबू का अविस्मरणीय योगदान रहा है। वे हमेशा से विश्व बंधुत्व के समर्थक थे। संप्रदायिकता व अस्पृश्यता के कट्टर विरोधी, साहित्यसेवी, रंगमंच के व्यवस्थापक ज्योति पुत्र महेंद्र बाबू सरलता, सौम्यता एवं सज्जनता के साकार स्वरूप थे। यह बातें देशरत्न राजेंद्र प्रसाद के बड़े भाई स्वर्गीय महेंद्र प्रसाद की 145 वी जयंती पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाजार शाखा में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने एक स्वर से कही।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रीजनल मैनेजर संजीत कुमार ने कहा कि स्टेट बैंक परिवार महेंद्र बाबू का सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने सन 1911 ईस्वी में बिहार बैंक की स्थापना की और आजीवन उसके मैनेजर रहे। कालांतर में बिहार बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में विलय हो गया। आज जिस परिसर में समारोह का आयोजन किया गया है, महेंद्र बाबू की ही अर्जित भूमि भूमि है। वर्तमान में इस भूमि पर छपरा में भारतीय स्टेट बैंक का बाजार शाखा व आरबीओ संचालित हो रहा है। महेंद्र बाबू का भारतीय स्टेट बैंक से आजीवन आत्मिक संबंध रहा है। एसबीआई महेंद्र बाबू को हमेशा नमन करते रहेगा। आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।


महेन्द मन्दिर ट्रस्ट के सुरेश प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि इस ट्रस्ट के सदस्य के तौर पर देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद दे अपनी सेवा दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे सहकारिता आंदोलन के भी अग्रदूत थे। को- ऑपरेटिव सोसाइटी को स्थापित करने और उसके माध्यम से किए गए सराहनीय कार्य से प्रभावित होकर अंग्रेजी सरकार ने उन्हें राय साहब की उपाधि देकर सम्मानित किया था पर गांधीजी के विचारधारा से प्रभावित होकर चैरिटी बिगिन्स फ्रॉम होम में विश्वास रखने वाले महेंद्र बाबू ने अपनी राय साहब की उपाधि को क्षण भर में ही वापस कर दिया।
मंजूर अहमद ने कहा कि महेंद्र बाबू ने 1923 में भारत स्काउट एवं गाइड के समाप्त होते जा रहे आंदोलन को बिहार में दुबारा जागृत किया। सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि महेंद्र बाबू हमेशा साधारण से साधारण व्यक्तियों की बात सुनते थे उसकी कदर करते थे और हर प्रकार की मदद करने के लिए भी तैयार रहते थे राकेश नारायण सिन्हा ने महेंद्र बाबू के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे आजीवन सिद्धांत एवं पद की गरिमा के साथ कभी भी समझौता नहीं किया।
बाजार ब्रांच के शाखा प्रबंधक चंदन कुमार ने कहा की आज का दिन उनके लिये खुशी का दिन है। जिस बैंक परिसर में यह कार्यक्रम हो रहा है यह पवित्र भूमि देशभक्त महेंद्र बाबू के स्तर पर दान में दी गई भूमि है। कार्यक्रम में बैंक मैनेजर तारकेश्वर तिवारी के अलावा ट्रस्टी कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव, राकेश नारायण सिन्हा, अमृत प्रियदर्शी, भरत सिंह, विभव प्रसाद यादव, रिपुंजय निशांत व अन्य ने भी विचार रखें। इससे पहले महेंद्र बाबू के तैल चित्र पर पुष्पांजलि व माल्यार्पण

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