Chhapra: जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों के दिन अब बदलने वाले है. विद्यालय में पढ़ने वाली सुरक्षा को ध्यान में रखकर विभाग ने कस्तूरबा विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरा लगाने और यहाँ रहने वाले छात्राओं तथा शिक्षकों की उपस्थिति का तरीका भी बदलकर अब बायोमैट्रिक करने जा रही है.
जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की के छात्राओं एवं कर्मियों की अब हाजरी बायोमेट्रिक सिस्टम से बनेंगी. सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे से निगरानी होगी. जिसकी तैयारी शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी है.
इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक ने पत्र भेजा है. जिसमें कहा गया है कि कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के साथ ही कर्मियों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से बने.
इसके लिए अच्छी गुणवत्ता व उच्च क्षमता वाले बायोमेट्रिक टाइम अटेंडेंस उपकरण लगवाने को कहा गया है. इस पर आने वाली खर्च का भुगतान विद्यालय संचालन, पीटीए मद से करने को कहा गया हैं. कस्तूरबा में छात्राओं को इसलिए ई हाजिरी लगाई जा रही है. संचालक छात्राओं की संख्या कम होने पर उनकी उपस्थिति दर्ज कर देते हैं.
छात्राओं की सुरक्षा को लगेंगे सीसीटीवी
वही कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के सुरक्षा के लिए सीसी कैमरा लगेगी. विद्यालय के बाहरी परिसर एवं मुख्य गेट के पास सीसी कैमरा लगाया जाएगा. ताकि विद्यालय के आस -पास धूम रहे मनचलों पर नजर रखा जा सके.
इस संबंध में राज्य परियोजना निदेशक ने शिक्षा विभाग के सर्वशिक्षा अभियान संभाग को पत्र भेजकर कहा है कि छात्रावास एवं छात्राओं की सुरक्षा प्रबंधन की अहम जवाबदेही विद्यालय प्रशासन की है. कस्तूरबा में सीसीटीवी कैमरा ऐसे लगना चाहिए ताकि छात्रावास में हर-आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा सके.
इसके साथ यह भी ध्यान रखने को कहा गया है कि गोपनीयता को ध्यान रखकर किसी भी स्थिति में अंदर सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया जाए. सीसीटीवी कैमरे का संचालन रात -दिन जारी रहेगा. जिसकी मॉनीटिरिग विद्यालय के वोर्डेन के कार्यालय में होगी. कस्तूरबा में लगने वाले कैमरे की व्यवस्था की जिम्मेवारी क्रय समिति को दी गई है. इस पर आने वाले खर्च का भुगतान कस्तूरबा विद्यालय के पीटीए, स्कूल संचालन मद से किया जाएगा.
शिक्षा विभाग ने भेजे पत्र में डीपीओ एसएसए को निर्देश दिया है कि कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं एवं महिलाओं के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शाम के समय पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए. इतना ही नहीं अभिभावकों से मुलाकात का समय भी निर्धारित करने को कहा गया है.