Chhapra: महर्षि दधीचि आश्रम सह उमानाथ मन्दिर परिसर में देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर 5 हज़ार दीपक से मंदिर परिसर को जगमग किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ धर्मनाथ मंदिर के महंत श्री बिंदेश्वरी पर्वत जी और रामकृष्ण आश्रम के स्वामी अती देवानंद जी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर किया.
संयोजक अरुण पुरोहित ने बताया कि प्रथम दीप शहीदों के नाम भारत माता के उन सपूतों को जो देश के सुरक्षा में अपनी कुर्बानी दिए उन्हें महर्षि दधीचि की तरह ही समाज में सम्मान मिले. प्रथम मिसाल महर्षि दधीचि ने प्रस्तुत कर हमें समाज में त्याग और बलिदान की महत्व को बताया महर्षि दधीचि सतयुग के समय बृत्रा सुर नामक राक्षस के आतंक से तीनो लोग ग्रसित उस समय देवताओं के द्वारा स्तुति करने पर महर्षि दधीचि ने अपने प्राणों को त्याग कर अपनी हड्डी यानी अस्ति का दान किया. जिसे व्रज नाम का हथियार बना जिससे बृत्रा सुर का वध हुआ.
इस अवसर पर युवा ब्राहम्ण चेतना मंच आचार्य श्यामसुंदर मिश्र, आचार्य संजय पाठक, आचार्य ध्रुव कुमार मिश्रा, आचार्य अमरेंद्र ओझा, आचार्य अरुण कुमार तिवारी ने वैदिक मंत्रों के उच्चारण से पूरे मंदिर परिसर को भक्ति में बना दिया. वहीं रामजन्म शोभायात्रा के सदस्य लक्ष्मी नारायण अनुज गुप्ता और युवा क्रांति रोटी बैंक के विजय राज, राजेश कुमार, गुड्डू रंजन कुमार, मनीष चौहान सहित अनेक नौजवानों ने कार्यक्रम में सहयोग किया.
महर्षि दधीचि उमानाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष जयराम सिंह, सचिव परशराम राय मुखिया, कोषाध्यक्ष विभूति नारायण शर्मा, उपाध्यक्ष सुभाष राय, राजकुमार राय एवं बटर राय आने वाले अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम का संचालन संयोजक अरुण पुरोहित ने किया. आश्रम के नौजवान कमेटी के सदस्य मुकेश कुमार, रंजन कुमार, संतोष कुमार, राकेश कुमार, अजित कुमार, राजा कुमार, सोनू कुमार, पवन कुमार, चंदन कुमार आदि सकड़ों लोग उपस्थित थे.