Chhapra: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, छपरा सेवा केन्द्र में रविवार को बीके बहनों और भाइयों के बीच होली मिलन कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। जिसमें सारण जिले के अलग अलग राजयोग केन्द्र एवं सेवा केन्द्रों से जुड़े बीके बहने और भाई शामिल हुए और एक दूसरे को होली की बधाईयां दी।
छपरा सेवा केंद्र की संचालिका बीके अनामिका दीदी ने होली के आध्यात्मिक रहस्य को बताते हुए कहा कि होली -अर्थात जो बीत गई सो बात गई। बीतते हुए वर्ष के अंत में इस त्यौहार को मनाया जाना इस रहस्य का भी परिचय देता है कि यह त्योहार पहले कल्प काल अर्थात कलयुग के अंत में मनाया गया था।

बताते चले कि राजयोग एक ऐसी विद्या है जिससे हमारा तन मन शांत होता है। इसके लिए ब्रह्मा कुमारी की आध्यात्म शिक्षा जीवन में उतारना आवश्यक है। कार्यक्रम के दौरान सभी को रंग का आत्म समृति का तिलक लगाया गया। सभी को गहन शांति के लिए राजयोग का आध्यात्मिक अभ्यास भी कराया गया। इस दौरान होली के भक्तिमय गीतों पर झूमते हुए सभी भाई-बहनों ने गुलाल- अबीर का तिलक लगाया और फूलों से मनमोहक होली खेलते हुए एक दूसरे को आध्यात्मिक होली की शुभकामनाएं दी।
मौके पर संगीत शिक्षिका एवं लोकगायिका कंचन बाला ने जहां हो मधुबन में खेलत रंग गुजरिया…, लाली चुन्दरी पर रंगवा लहर मारे…., आज बिरज में होली रे रसिया जैसे पारंपरिक होली गीतों से माहौल को खुशनुमा बनाया तो संगीत शिक्षिका एवं लोकगायिका प्रियंका कुमारी द्वारा राधा कृष्ण से जुड़े होली गीत जिसमें होलिया में मिलिहे कन्हैया राधा करे इंतजार…, बइठी कौशल्या मैया करेली सगुनवा वनवा में रामजी के बीतेला फागुनवा जैसे भक्ति गीतों पर खूब झुमाया।
कार्यक्रम में बीके प्रियांशु बहन, बीके रामावती बहन, बीके रजनी, क्षमा, रंजीता, प्रियंका, एकता, निर्मला, बीके सचिन, रोहित, बीके राजा, बीके ओमप्रकाश भाई, बीके बंटी मौजूद रहे।