चमकी बुखार से निपटने को स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध, एंबुलेंस को पंचायत के साथ की जायेगी टैगिंग

चमकी बुखार से निपटने को स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध, एंबुलेंस को पंचायत के साथ की जायेगी टैगिंग

• मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत संचालित एंबुलेंसों को की जायेगी टैगिंग
• एंबुलेंस का किराया किया गया निर्धारित
Chhapra: चमकी बुखार और जेई से निपटने तथा बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। हर मरीज के बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना अन्तर्गत परिचालित एम्बुलेन्स का पंचायत के साथ टैगिंग करने से संबंधित निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि जिला परिवहन पदाधिकारी से सम्पर्क स्थापित कर मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना अन्तर्गत परिचालित एंबुलेंसों की जिलवार सूची संचालक के मोबाइल नम्बर के साथ प्राप्त कर स्वास्थ्य केन्द्रवार प्रत्येक पंचायत के साथ टैगिंग कराना सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना अन्तर्गत परिचालित एम्बुलेन्सों का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर टैगिंग करने हेतु प्रत्येक एम्बुलेन्स संचालक के साथ एकरारनामा करना सुनिश्चित की जाय।

एईएस और जेई से पीड़ित बच्चों को अस्पताल ले जाने के लिए किया जायेगा उपयोग
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत संचालित एंबुलेंस का उपयोग जिले में चमकी बुखार और जेई से पीडित मरीजों को अस्पताल से घर तथा घर से अस्पताल ले जाने के लिए किया जायेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दूरी के अनुसार किराया का निर्धारण किया गया है। 0-20 किलोमीटर तक 400 रुपये, 21 से 40 किलोमीटर तक 600 रुपये, 41- 60 किमी तक 800 रुपये, 61 किमी से ऊपर अधिकतम 1000 रुपये के दर से भुगतान किया जायेगा। मरीजों तथा उनके परिजनों को किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा।

स्वास्थ्य संस्थानों में 24X7 स्वास्थ्य सेवा प्रदान किया जाना अत्यन्त ही आवश्यक
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि एईएस प्रभावित जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में 24X7 स्वास्थ्य सेवा प्रदान किया जाना अत्यन्त ही आवश्यक है। ताकि उक्त रोग से ग्रसित मरीजों को ससमय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जा सके। अब अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की उपस्थिति सुबह 05:00 से 06:00 बजे तक दर्पण प्लस एप के माध्यम से दर्ज करने का निदेश दिया गया है। जिले के सभी पीएचसी में जेई/एईएस से बचाव हेतु सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। आवश्यक दवाओं के साथ-साथ पैरासिटामोल, ओआरएस, विटामिन ए सहित ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

समय पर इलाज करना जरूरी
गंभीर बीमारी चमकी से पीड़ित बच्चों को समय पर इलाज किया जाए तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष भी थीम चमकी की धमकी रखा गया है। इसमें तीन धमकियों को याद रखने की जरूरत है। जिसमें पहला यह है कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलाएं। इसके बाद सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाएं और देखें कि बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं है।

चमकी बुखार के प्रारंभिक लक्षण
• लगातार तेज बुखार रहना।
• बदन में लगातार ऐंठन होना।
• दांत पर दांत दबाए रहना।
• सुस्ती चढ़ना।
• कमजोरी की वजह से बेहोशी आना।
• चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि।

चमकी बुखार से बचाव के लिए ये सावधानियाँ हैं जरूरी
• बच्चे को बेवजह धूप में घर से न निकलने दें।
• गन्दगी से बचें , कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें।
• ओआरएस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
• रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
• बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।
• पारासिटामोल की गोली या सिरप दें।

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें