जीकेसी ने 27 विभूतियों को महादेवी वर्मा सम्‍मान-2022 से किया सम्‍मानित

जीकेसी ने 27 विभूतियों को महादेवी वर्मा सम्‍मान-2022 से किया सम्‍मानित

-कायस्‍थ समाज का उत्‍थान हमारी पहली प्राथमिकता : राजीव रंजन प्रसाद
नई दिल्‍ली। ग्‍लोबल कायस्‍थ कांफ्रेंस (जीकेसी) ने शनिवार को 27 विभूतियों को महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान-2022 से सम्‍मानित किया। जीकेसी ने पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी यह सम्‍मान साहित्‍य, शिक्षा, कला, फिल्‍म, संगीत एवं प‍त्रकारिता के क्षेत्र उत्‍कृष्‍ट योगदान के लिए दिया। जीकेसी के ग्‍लोबल अध्‍यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि अपनी प्रतिभा का समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अलख जगाने वाले कायस्थ समाज के विभूतियों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्‍मानित किया गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्‍य अतिथि भाजपा के वरिष्‍ठ नेता गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, विशिष्‍ट अतिथि प्रख्यात कथक नृत्यांगना नलिनी एवं कमलिनी, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट कमिटी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष संदीप मारवाह, वरिष्ठ पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत, संगीत नाटक अकादमी प्रभारी सुमन कुमार, लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र के महासचिव अभय सिन्‍हा, जीकेसी अध्‍यक्ष राजीव रंजन प्रसाद तथा जीकेसी राष्‍ट्रीय महासचिव अनुराग सक्‍सेना ने दीप प्रज्‍जवलित कर किया।


इस अवसर पर प्रेस को संबोधित करते हुए राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि ग्‍लोबल कायस्‍थ कांफ्रेंस देश एवं विदेश में रहने वाले कायस्‍थ समाज का एक प्‍लेटफॉर्म है, जो समाज के हित में पिछले एक साल से ज्‍यादा वक्‍त से कार्यरत है। उन्‍होंने बताया कि जीकेसी के तहत कायस्‍थ समाज के हित में कार्यरत सैकड़ों संगठन जुड़कर काम कर रहे है। इन सभी संगठनों के सहयोग से जीकेसी कायस्‍थ समाज के शैक्षणिक, आर्थिक, सांस्‍कृतिक विकास के साथ-साथ उनके उत्‍थान के लिए प्रयासरत है।

राजधानी दिल्‍ली के सत्याग्रह मंडप, गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति, राजघाट परिसर में आयोजित इस सम्‍मान समारोह कार्यक्रम में अंजन श्रीवास्तव को टीवी एवं फिल्म और डा. रमेश चंद्र श्रीवास्तव को शिक्षा के क्षेत्र में बहुमूल्‍य योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला, जबकि दीप श्रेष्ठ, पवन सक्सेना और अशोक सक्सेना को फिल्म के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए यह सम्‍मान दिया गया। वहीं, प्रो. डा. वी.के. श्रीवास्तव को उत्कृष्ट शैक्षिक योगदान और उदय सहाय और विवेक भटनागर को शोध एवं लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्‍मानित किया गया।
इसी तरह आलोक अविरल, लक्ष्मीनारायण भटनागर और अलका सिन्हा को साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्‍मान दिया गया। कमल किशोर, राजीव रंजन और प्रेम कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्‍मानित किया गया है। डा. रंजन कुमार, शालिनी श्रीवास्तव, सुबोध नंदन सिन्हा, जया श्रीवास्तव, श्रेया बसु और देवांश चंद्रा को संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्‍मान मिला है। श्रुति सिन्हा को शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्‍मानित किया गया। वहीं, डा. नम्रता आनंद, अविलाला श्रीधर, अलका श्रीवास्तव, अनुज श्रीवास्तव को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्‍मान मिला, जबकि रवि नंदन सिन्हा को एमएसएमई के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान और सुभद्रा देवी को चित्रकला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए इस सम्‍मान से सम्‍मानित किया गया है।
इसके अलावा ग्‍लोबल कायस्‍थ कांफ्रेंस की प्रबंध न्‍यासी रागिणी रंजन ने बताया कि कायस्‍थ समाज के उत्‍थान और विकास के लिए जीकेसी एक ग्‍लोबल प्‍लेटफॉर्म की तरह लगातार हर क्षेत्र में कायर्रत है। इस संस्‍था का उद्देश्‍य समाज को हर संभव सहायता देने के साथ-साथ उनके प्रतिभा को देश और दुनिया के सामने लाया जाए। वहीं, दिल्‍ली के प्रदेश अक्ष्‍यक्ष ई. सुनिल श्रीवास्‍तव ने बताया कि देश की राजधानी दिल्‍ली में रहने वाले सभी कायस्‍थ बंधुओं को बराबरी का हक दिलाने के साथ उनका सर्वांगिक विकास जीकेसी की पहली प्राथमिकता है। इस अवसर पर दिल्‍ली प्रदेश मीडिया अध्‍यक्ष प्रजेश शंकर ने बताया कि जीकेसी लगातार इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर कायस्‍थ समाज के विकास में निरंतर प्रयासरत है।

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