छपरा: बाढ़ में प्रभावित परिवारों का सर्वेक्षण कराकर अनुग्रह राशि वितरण एवं बाढ़ से क्षति एवं उनके पुर्नस्थापन पर होने वाले व्यय के आकलन के संबंध में जिलाधिकारी दीपक आनंद की अध्यक्षता में शुक्रवार को समीक्षा बैठक हुई. बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को आरटीजीएस के माध्यम से ही अनुग्रह राशि की भुगतान की जायेगी.
10 सितम्बर तक पीड़ितों की सूची तैयार करे अंचलाधिकारी
बैठक में जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित अंचल छपरा सदर, रिविलगंज, सोनपुर, दिघवारा, गड़खा, दरियापुर, मांझी एवं जलालपुर के अंचल के अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया कि हर हालत में 10 सितम्बर 2016 तक बाढ़ पीड़ितों की सूची तैयार कर ली जाय. अंचलाधिकारियों का यह महत्वपूर्ण दायित्व है. वैसे बाढ़ पीड़ितो की सूची जिनका मकान एवं फसल की क्षति हुयी है, तैयार करें. जिन बाढ़ पीड़ितो का खाता नहीं खुला है, अभियान चलाकर उनका खाता खुलवा दें. जिनका खाता खुला हुआ है, वैसे बाढ़ पीड़ितो के अनुग्रह राशि का वितरण भी साथ-साथ आरटीजीएस के माध्यम से कराये.
बिचौलियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रो से यह शिकायत आ रही है कि बाढ़ पीड़ितो को मकान क्षति या फसल क्षति के लिए अनुग्रह राशि दिलवाने के हेतु सूची में नाम जोड़ने के लिए अवैध रूप से बिचैलियों के द्वारा राशि की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा कि जो पदाधिकारी पंचायत प्रतिनिधि या बिचौलियों बाढ़ पीड़ितो को अनुग्रह राशि दिलाने के लिए अवैध राशि की मांग करते है, वैसे बिचौलियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि अंचलाधिकारी ऐसे मामलों की जांचकर अनुमंडल पदाधिकारी को प्रतिवेदित करेंगे. अनुमंडल पदाधिकारी प्रतिदिन संध्या 6 बजे तक जिला पदाधिकारी को प्रतिवेदन देंगे. वे यह भी प्रतिवेदन देंगे कि कितने लोगो को जी0आर0 दिया गया है.
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उन्होंने कहा बाढ़ प्रभावित वैसे अंचल के अंचलाधिकारी, जिन्होंने सूखा राहत पैकेट का वितरण नहीं किया है, वे आपदा प्रबंधन विभाग से आवंटित सूखा राहत प्राप्त कर बाढ़ पीड़ितो के बीच बटवां देंगे. उन्होंने कहा कि सभी अंचलाधिकारी अपना-अपना प्रतिवेदन अनुमंडलाधिकारी को देंगे. अनुमंडलाधिकारी जिलाधिकारी को रिर्पोट करेंगे.
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि वैसे अंचल जिन्होंने बाढ़ पीड़ितो को बरतन एवं वस्त्र के लिए 600 रूपये प्रति बाढ़ पीड़ित बांटे है, उसका वास्तविक राशि की मांग करेंगे. किसी भी स्थिति में बढ़ा-चढ़ा कर बिल प्रस्तुत नहीं करेंगे. वहीं राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से प्राप्त की जायेगी. अनुमंडलाधिकारी सदर एवं सोनपुर यह प्रमाणित करेंगे कि किस तारीख को कितनी नाव चली है, एक दिन का एक नाविक का भुगतान 252 रूपया किया जाना है. अंचलाधिकारी यह भी देखेंगे कि वैसे बाढ़ पीड़ितों का नाम अनुग्रह राशि भुगतान की सूची में न छुट जाय, जो बाढ़ प्रभावित रहें है. वैसे लोगो का नाम न जुड़े, जो बाढ़ प्रभावित नही है. जिस पंचायत में जितने लोग प्रभावित हुए है, उन्हीं का नाम निष्पक्ष तरीको से तैयार किया जायेगा. उन्होंने कहा कि चूड़ा, गुड़, सतू, पाॅलीथीन सिट्स का वितरण तो हो चुका है, अब बाढ़ पीड़ितो के बीच अनुग्रह राशि (जी0आर0) का वितरण होगा. उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के वितरण के आकड़ों को आपदा प्रबंधन विभागीय आॅन-लाईन पोर्टल पर अद्यतन आईटी प्रबंधक के माध्यम से करवाया जाय.
बाढ़ राहत से संबंधित शिकायतों का निष्पादन अनुमंडल और अंचल स्तर से 48 घंटो के अंदर किया जाय. उन्होंने कहा कि हर हालत में बाढ़ से हुयी आधारभूत संरचना, जानमाल एवं फसल क्षति का आकलन 10 सितम्बर तक कर बाढ़ पीड़ितो की सूची बनाकर अनुग्रह राशि वितरित की जाय.
बैठक में उप विकास आयुक्त सुनिल कुमार, अपर समाहर्ता राजेश कुमार, अनुमंडल अधिकारी सदर एवं सोनपुर सभी अंचल के वरीय पदाधिकारी एवं संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.