आधुनिकता के इस दौर में शादी-विवाह के समारोह में बारात के दौरान डीजे का डिमांड जिस प्रकार बढ़ा है उससे पुराने समय से बारात की रौनक बढ़ाते आ रहे हाथियों की मांग ना के बराबर हो गई है.
एक जमाना था जब बारात में हाथी, ऊंट, घोड़े आकर्षण का केंद्र हुआ करते थे. संभ्रांत लोग इसे विवाह समारोह की शोभा समझते थे. बारात के दौरान लोगों के मनोरंजन का केंद्र भी हाथी हुआ करते थे, पर जैसे-जैसे समय का चक्र बढ़ता गया और विवाह समारोह का जिस प्रकार आधुनिकीकरण हुआ, ऐसे में हाथियों की डिमांड अब ना के बराबर हो गई है.
डिमांड कम पर कीमत बरकरार
भले ही डीजे की धुन के सामने बारात में हाथी ले जाने का सिलसिला थम गया है, पर बुकिंग रेट के मामले में बैंड-बाजा और डीजे के आगे हाथियों की कीमत ज्यादा है. यदाकदा शौक़ीन लोग आज भी हाथियों की बुकिंग किया करते हैं.जहाँ डीजे 6 से 8 हजार में उपलब्ध है वहीं अगर बारात में हाथी ले जाने की बात हो तो शगुन के नाम पर शौकीनों को इससे कहीं ज्यादा रकम देनी पड़ती है.
हाथी रखने वाले कुछ लोगों ने बताया कि बढ़ती मंहगाई और भागदौड़ भरी जिंदगी में अब विवाह समारोह में खर्च का दायरा सीमित ही गया है, जिस वजह से अब लोग बारात में हाथियों को नहीं ले जाते. हालांकि इन सब बातों से परे ‘हाथी’ आज भी मदमस्त है. चाहे डीजे हो या अन्य कोई आकर्षण का केंद्र, आज भी यदि हाथी बारात में दिख जाये तो उसके दर्शन को लोगों का हुजुम लग जाता है.