Chhapra: छपरा के दिव्यांश चंद्र रॉय ने आईआईटी की परीक्षा क्लियर कर सारण का नाम देशभर में रौशन किया है. आईआईटी जेईई एडवांस परीक्षा में इन्हें देशभर में 5773 रैंक मिला है. दिव्यांश की तैयारी में सबसे दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने छपरा में ही इतने बड़े लेवल की परीक्षा की तैयारी की थी. दिव्यांश पिछले 16 महीने से बिना किसी कोचिंग के आईआईटी जैसे परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. जिसके बाद उनकी मेहनत और परीक्षा परिणाम ने यह साबित कर दिया कि छपरा जैसे छोटे शहर में भी बिना कोचिंग के आईआईटी की परीक्षा पास की जा सकती है. जिस परीक्षा में सफलता पाने लिए यहां के छात्र दिल्ली और कोटा के बड़े संस्थानों में जाकर लाखों रुपये खर्च करते है. वहीं इस होनहार छात्र ने बिना किसी कोचिंग में दाखिला लिए ऐसा कर दिखाया है.
दिव्यांश के स्कूल CPS में खुशी का माहौल
शहर के चांदमारी रोड निवासी प्रोफेसर डीसी रॉय के पुत्र दिव्यांश चंद्र रॉय ने 12वीं की परीक्षा शहर के प्रतिष्टित सेंट्रल पब्लिक स्कूल से पास की है. उन्होंने पहली बार में ही आईआईटी क्लियर करके सेंट्रल पब्लिक स्कूल का नाम पूरे देश में रौशन किया है. दिव्यांश की सफलता पर पूरे सेंट्रल पब्लिक स्कूल में खुशी का माहौल है. प्रबंधक विकास सिंह ने दिव्यांश की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए उन्हें आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी. साथ ही निदेशक हरेंद्र सिंह ने भी दिव्यांश की सफलता CPS की एक बड़ी उपलब्धि बताई है.
पटना में अच्छी नहीं लगी पढ़ाई तो लौट आए छपरा
दिव्यांश ने बताया कि शुरुआत के दिनों में उन्होंने पटना के एक कोचिंग में लगभग 8 महीने तक तैयारी की थी. इस दौरान उन्हें वहां का माहौल पसंद नहीं आया और वापस उन्होंने छपरा लौटने का फैसला किया. और छपरा में ही घर पर पढ़ाई करके आईआईटी की तैयारी पूरे लगन से की.
खुद पर भरोसा था निकल जायेगा IIT
दिव्यांश का कहना है कि उन्होंने उन्हें शुरू से ही लगता था कि वह इस परीक्षा में सफलता पा लेंगे. इसी आत्मविश्वास के साथ उन्होंने छपरा में तैयारी शुरू की थी. वो हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ाई करते थे. इस दौरान वी किसी भी प्रकार का अतिरिक्त दबाव अपने ऊपर नहीं लेते थे.
घर पर तैयारी में पिता ने की भरपूर मदद
आईआईटी की परीक्षा निकालने में दिव्यांश की मदद उनके पिता ने भी उनके. पिता जो बनियापुर के लोक महाविद्यालय में प्रोफेसर हैं. वह दिव्यांश को फिजिक्स विषय की तैयारी में काफी मदद करते थे. जब भी फिजिक्स में कोई टॉपिक अटकता था तो प्रोफेसर साहब अपने बेटे की मदद करने से पीछे नहीं हटते. इसके अलावा केमिस्ट्री और मैथ के लिए दिव्यांश ने एनसीईआरटी समेत अन्य किताबों का सहारा लेकर बेजोड़ तैयारी की थी. इस दौरान वो इंटरनेट का भी सहारा लेते थे.
छपरा के लड़कों के लिए बहुत बड़ी सीख
उनकी सफलता के बाद उनके घर में खुशी का माहौल है. हर तरफ से बधाइयां संदेश आ रहे है. दिव्यांश की सफलता सारण के उन हजारों युवाओं के लिए एक सकारात्मक संदेश है जो बाहर जाकर आईआईटी की तैयारी करने में असक्षम है. वैसे छात्र जिन्हें यह लगता है कि बड़े शहरों में जाकर ही आईआईटी जैसी परीक्षा की तैयारी हो सकती है. उन्हें छपरा के दिव्यांश चंद्र रॉय से सीख लेनी चाहिए.
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