Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, नगर पंचायतों के कार्यपालक पदाधिकारी एवं सभी थानाध्यक्षों को निदेश दिया गया है कि कोराना वायरस के संक्रमण के लक्षण एवं बचाव के तरीकों के बारे में अपने अधीनस्य कर्मियों को बताकर उन्हें जागरूक किया गया.
जिलाधिकारी ने कहा है कि कोरोना वायरस के संबंध में आम जागरूकता पैदा करने की भी जरूरत है. कोरोना वायरस एक प्रकार के विषाणु (वायरस) के द्वारा होने वाली संक्रामक बिमारी है जो मानव एवं पशु दोनो को संक्रमित करता है. इस वायरस के संबंध में जनता को जागरूक कर इससे बचाव किया जा सकता है क्योंकि इससे बचाव का कोई टीका फिलहाल उपलबध नहीं है.
इसका संक्रमण चीन के अतिरिक्त थाइलैण्ड, जापान, दक्षिण कोरिया, नेपाल, वियतनाम, कम्बोडिया, सिंगापुर, फिलिपिंस, मलेषिया, फ्रांस, अमेरिका, आस्ट्रेलिया में हुआ है. भारत के केरल प्रांत में भी 2 केस पाये गये हैं. अचानक बुखार, खाँसी, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ तथा न्यूमोनिया इसके लक्षण हैं. इसका फैलाव संक्रमित व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में आने से, संक्रमित व्यक्ति के खॅासने व छींक से निकले तरल पदार्थ से तथा रोगी या रोगी के इस्तेमाल में आये उपकरणों को छुने के बाद अपने नाक, मुॅह या आँख छुने से होता है. इसके संक्रमण से न्यूमोनिया या गुर्दा संबंधी गंभीर बिमारी होती है.
चिकित्सकों के द्वारा इसके बचाव के उपाय बताये गये हैं. नियमित रूप से हाथों को साबुन से धोये, खॉसते या छींकते समय अपने नाक व मुॅह को ढ़के, माँस और अंडे को अच्छी तरह से पकाकर खायें, किसी व्यक्ति में फ्लू के लक्षण हो तो उनके सम्पर्क में जाने से बचें, जंगली या पालतु पषुओं के सम्पर्क में विषेष सावधानी से जाएँ, प्रभावित क्षेत्र से आये यात्रियों में कोराना वायरस के उपयुक्त लक्षण दिखें तो अवलिम्ब नजदीकी चिकित्सा संस्थान (अस्पताल) से सम्पर्क करें, लक्षण वाले यात्री मास्क का उपयोग करें एवं लोगो से दूरी बनाये रखें तथा घर से बाहर भ्रमण न करें.
जिलाधिकारी ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है परन्तु सावधानी बरतनी जरूरी है.