Chhapra: सदर अस्पताल की लापरवाही एक बार फिर से सामने आई है. अस्पताल में एक मासूम बच्ची की जिंदगी ऑक्सीजन के अभाव में चली गयी. मासूम ने दम तोड़ दिया. वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रबंधन यह मानने को तैयार नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण उसकी मौत हुई है.
लापरवाही की हद तब हो गई जब अस्पताल प्रबंधन ने बच्ची के शव को ले जाने के लिए एक एंबुलेंस तक मुहैया नहीं कराया और मृत बच्ची के परिजन शव को मोटरसाइकिल से लेकर घर गए.
बताया जा रहा है कि मुफस्सिल थानाक्षेत्र के मठिया निवासी शंभू राय अपनी बीमार बच्ची को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे थे. जहां उसकी गंभीर हालत को देख ऑक्सीजन लगा दिया गया. लेकिन अस्पताल कर्मी भूल गए कि ऑक्सीजन खत्म था. लिहाजा थोड़ी ही देर बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया. जब परिजनों को एहसास हुआ तो इधर-उधर भागने लगे. लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी. जब तक एक कर्मचारी ऑक्सीजन लेकर पहुंचा तो डॉक्टर भी पहुंचे और बच्ची को मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद परिजन मासूम रितिका की मौत के लिए सदर अस्पताल को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं.
परिजन शम्भू राय ने बताया कि ऑक्सीजन के लिए अस्पताल का चक्कर काटते रहे लेकिन अस्पताल में न डॉक्टर मिले और ना ही ऑक्सीजन मिला. वहीं जब डॉक्टर पहुंचे तो आक्सीजन भी पहुंचा लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी.
सूबे की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के तमाम दावे कर रही है पर हकीकत तो कुछ और ही दिख रही है