छपरा जेल का अधीक्षक निकला करोड़ों की काली कमाई का मालिक, छापेमारी में मिले 20 लाख नकदी

छपरा जेल का अधीक्षक निकला करोड़ों की काली कमाई का मालिक, छापेमारी में मिले 20 लाख नकदी

-पटना, छपरा और गया के तीन ठिकानों पर निगरानी की छापेमारी

-जमीन के कुल 31 प्लॉट की खरीद के दस्तावेज भी बरामद

Chhapra: भ्रष्टाचार पर निगरानी लगातार चोट कर रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को निगरानी विभाग ने करोड़पति जेल अधीक्षक रामाधार सिंह के पटना, छपरा और गया ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर करोड़ों की काली कमाई उजागर की है। bनिगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने शुक्रवार को छपरा मंडल कारा के अधीक्षक रामाधार सिंह के तीन ठिकानों छपरा, गया और पटना में शुक्रवार सुबह छापेमारी कर 19 लाख, 40 हजार की नकदी बरामद की है। अबतक हुई जांच में जेल अधीक्षक की वास्तविक आय से कई गुणा अधिक संपत्ति का पता चला है। छपरा स्थिति आवास से साढ़े पांच लाख रुपये की नकदी, 27 लाख रुपये मूल्य के सोने-चांदी और हीरे के आभूषण को निगरानी की टीम ने जब्त किया है। इतना ही नहीं, इस छापेमारी में जेल अधीक्षक के ठिकानों से सोने की दो ईंटें भी मिली हैं, जिसकी कीमत 29 लाख बताई जा रही है।

गया में रामाधार सिंह के पैतृक आवास पर हुई छापेमारी में करीब आठ लाख रुपये कैश बरामद किये गए हैं। निगरानी की टीम ने बरामद किये गए कैश को गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी। विजिलेंस की टीम को जेल अधीक्षक के गया स्थित पैतृक आवास से जमीन के कुल 31 प्लाट की डीड मिली है, जिसकी कीमत एक करोड़, 92 लाख रुपये से भी अधिक आंकी गई है। गया में जेल अधीक्षक का एक चार मंजिला पैतृक मकान की जानकारी जब निगरानी को मिली तो वहां की तलाशी लेने के लिए निगरानी की टीम गया पहुंच गई, लेकिन घर में ताला लगा था। निगरानी की टीम ने घर का ताला तोड़कर पूरे घर की तलाशी ले रही है।

रामाधार सिंह के पटना के जक्कनपुर स्थित फ्लैट पर निगरानी की टीम को कुछ खास हासिल नहीं हो पाया है। पटना में वह किराये के मकान में रहते थे, इसलिए अवैध संपत्ति से संबंधित ज्यादा जानकारी निगरानी की विशेष टीम को नहीं मिल पाई है। इसके अलावा गया के घर से एलआईसी की कुल 12 पॉलिसियों के दस्तावेज भी मिले हैं, जिसकी प्रीमियम के रूप में हर साल जेल अधीक्षक दो लाख की रकम जमा कर रहा था। इसी तरह भारती एक्सा लाइफ और बजाज एलियांज में भी हर साल 75-75 हजार रुपये की राशि जमा की जा रही थी। इसके अलावा जेल अधीक्षक के ठिकानों से विभिन्न बैंकों के कुल 24 पासबुक भी मिले हैं, जिसमें 30 लाख की राशि जमा पाई गई है।

निगरानी मुख्यालय के अनुसार जेल सुपरिटेंडेंट के ऊपर सरकारी सैलरी के अलावा आय से 1.21 करोड़ रुपए अधिक की काली कमाई करने का गंभीर आरोप लगा है। इनके बारे में काफी शिकायतें थीं। काले कारनामों के बारे में एक के बाद एक कई शिकायतें मिलने के बाद निगरानी की टीम एक्टिव हो गई थी। जिसके बाद इंटरनल तरीके से जांच हुई। सुपरिटेंडेंट पर लगे आरोप की पड़ताल हुई और उस बारे में ठोस सबूत जुटाए गए, जिसके बाद 23 दिसंबर को प्राथमिकी (संख्या 55/2021) दर्ज किया गया। आय से अधिक संपत्ति मामले में अभी रामाधार सिंह के ठिकानों पर निगरानी की जांच जारी है। निगरानी की इस कार्रवाई के बाद छपरा जेल अधीक्षक की मुसीबत बढ़ गई है। निगरानी की विशेष टीम घूसखोर अधिकारियों के खिलाफ लगातार छापेमारी कर रही है। बता दें कि इस साल अब तक निगरानी की टीम ने 13 घूसखोर अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की है।

जेल अधीक्षक का वीडियो हुआ था वायरल

बीते जून माह में रामाधार सिंह का एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें जेल के एक बैरक को हॉस्टल की तरह दिखाया गया था। यहां कैदियों के लिए न सिर्फ बेड की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी, बल्कि कैदियों द्वारा जेल के अंदर से ही मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए भी दिखाया गया था।

(Agency)

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