Chhapra: कुलपति ने कहा कि अच्छी शुरुआत आधी कामयाबी होती है और यह हमारी बहुत ही अच्छी है। विद्यार्थियों के लिए सी.बी.सी.एस. (चोवाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) बहुत हितकर साबित होगा। उन्होंने कहा कि हम सकारात्मक व सृजनात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। यह व्यवस्था बहुत ही लचीला और छात्र- केंद्रित है जिससे कि विद्यार्थियों में निरंतरता तथा समयबद्धता का विकास होगा। विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों, प्राचार्यों एवं शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए कुलपति ने दुष्यंत कुमार की ‘ कौन कहता है कि आसमाँ में सुराख नहीं हो सकता/एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों।’ पंक्ति के साथ बोलकर अपनी वाणी को विराम दिया। कुलपति प्रो. फारूक अली कार्यशाला के उदघाटनकर्ता के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।
दिनांक 18 अक्टूबर, 2020 (रविवार) को जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा की ओर से सीनेट हॉल में 10:30 बजे पूर्वाह्न में आगामी सत्र में सी.बी.सी.एस. लागू करने के लिए कार्यशाला (वर्कशॉप) का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय को गति प्रदान करने के लिए कुलपति बहुत सक्रियता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। लगभग हर दिन कोई न कोई बैठक, कार्यक्रम या कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन तथा लोकनायक जयप्रकाश नारायण की तैलचित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। कार्यशाला में बी.एन. एम.यू से आये संसाधक डॉ डॉ एम. आई. रहमान, शैक्षणिक निदेशक तथा डॉ अशोक कुमार सिंह, नोडल पदाधिकारी एवं विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, प्राचार्य, शिक्षक एवं कर्मचारी गण का स्वागत करते हुए कुलसचिव सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन श्रीकृष्ण ने कार्यशाला के विषय-वस्तु पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे पूर्व प्रति-कुलपति प्रो ए. के. झा ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि मैं आशा करता हूँ कि कुलपति के नेतृत्व में हम विश्वविद्यालय का बहुमुखी करने में सफल होंगे। डीएसडब्ल्यू प्रो. उदय शंकर ओझा द्वारा संचालित कार्यशाला में उपस्थित सभी प्राचार्य, स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष, विश्वविद्यालय के समस्यत पदाधिकारी एवं कर्मचारियों को मधेपुरा से आये दोनों संसाधकों ने पी.पी.टी. के माध्यम से सी.बी.सी.एस. को लागू करने की प्रक्रिया एवं उसके लाभ को विस्तार से समझाया। मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो गजेंद्र कुमार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।