Chhapra: छपरा शहर में जाम की समस्या अब दिन पर दिन बढती जा रही है. जाम से निजाद दिलाने के नाम पर प्रशासन के द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर फुटपाथ पर दुकानदारों को हटाया जाता है और कोरम को पूरा कर अपनी जबाबदेही जता दी जाती है. इसके बाद भी जाम की समस्या जस की तस बनी रहती है.
शहर के आम लोगों का कहना है कि फूटपाथ के दुकानदारों को हटा कर प्रशासन अपना कोरम पूरा कर लेती है, जबकि इस समस्या का मुख्य जड़ कुछ और ही है.
शहर के अधिकांश बैंकों, प्रतिष्ठानों, रेस्टोरेंट्स, होटलों के पास अपनी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण यहाँ आने वाले ग्राहक, खरीदार रोड पर वाहन पार्क करने को विवश है. साथ ही नगर निगम के द्वारा भी शहर के किसी भी भीड़ भाड़ वाले बाज़ार में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. जिससे की लोग अपने वाहन सड़क पर ना लगाये.
सड़क पर जैसे तैसे खड़े वाहनों से जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है. बाज़ार आने वालों को पार्किंग की जगह नहीं मिलती, सड़क पर खड़े वाहनों से जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, साथ ही इस जाम के कारण व्यापारियों या यूँ कहें की उन बड़े दुकानदारों के व्यापार पर भी इसका असर पड़ता है. जिनके सामने बेतरतीब तरीके से वाहनों को पार्क किया जाता है.
इसके उलट प्रशासन हमेशा छोटे व्यापारियों, फूटपाथ दुकानदारों के विरुद्ध अपनी ऊर्जा खर्च कर केवल खानापूर्ति करती है. इस समस्या के समाधान का उसके पास को व्यापक मास्टर पालन नहीं दीखता.
विगत दिनों की बात करें तो पूर्व के जिलाधिकारी के द्वारा बैंकों और बड़े प्रतिष्ठानों से बैठक कर पार्किंग की व्यवस्था बनाने की बाते की गयी थी. जो वर्तमान में कही भी नहीं दिखती है.
फुटपाथी विक्रेता कृष्ण कुमार आर्य ने बताया कि हर बार शहर में जाम की समस्या का जिम्मेवार फूटपाथी दुकानदारों को ठहरा कर अतिक्रमणकारी बताकर उनसे उनके रोजगार को छीन लिया जाता है. हालांकि जाम की समस्या को हल करने की ओर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं रहता है. फूटपाथ के दुकानदारों को प्रशासन के द्वारा हमेशा से परेशान किया जाता है. उन्होंने बताया कि नगर निगम के द्वारा उन सभी को वेंडर के रूप में घोषित किया गया है इसके बावजूद भी कोई व्यवस्था नहीं की जाती है. उन्होंने कहा कि पटना उच्च न्यायालय के द्वारा आदेश में कहा गया है जी जबतक फूटपाथी दुकानदारों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था ना हो उनको ना हटाया जाए. इसके बाद भी प्रशासन के द्वारा हर बार फूटपाथ के दुकानदारों को प्रताड़ित किया जाता है. जो सरासर गलत है.
इसके साथ ही नगर निगम के उदासीन रवैये से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. जिस प्रकार शहर में जाम की स्थिति रहती है वैसे में आगे आने वाले समय में स्थिति और भी ख़राब हो सकती है.