बाल संसद से कैसे बदली छपरा के इस सरकारी विद्यालय की सूरत, पढिए पूरी रिपोर्ट

बाल संसद से कैसे बदली छपरा के इस सरकारी विद्यालय की सूरत, पढिए पूरी रिपोर्ट

Chhapra (Aman Kumar): शहर के बिचला तेलपा स्थित मध्य विद्यालय इन दिनों चर्चा में हैं. यहां के प्रधानाध्यापक को शिक्षा में बेहतर योगदान के लिए राज्य सरकार ने 5 सितम्बर 2018 को राजकीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया है.

यहां बाल संसद ने विद्यालय के बदलाव के क्षेत्र में एक नयी दिशा दी है. यह बाल संसद विद्यालय में पिछले 9 वर्षो से सक्रिय है. बाल संसद के ज़रिये विद्यालय के बच्चे यहां सफाई, शिक्षा, अनुशासन, एमडीएम, स्वास्थ्य जैसी दर्जनो व्यवस्थाओं की देख रेख करते हैं. इन व्यवस्थाओं की देख रेख के लिए प्रधानाध्यापक द्वारा 8 वीं कक्षा के बच्चों को गांधी, गंगा, नेहरू जैसे चार सदनों में बांटकर एक बालक और बालिका प्रतिनिधि बनाया गया है.

जिसमें एक बालिका को प्रधानमंत्री और एक बालक को उपप्रधानमंत्री चुना गया है. बाल संसद के ज़रिये 18 बाल मंत्री चुने गये हैं. जिसमें 8वीं कक्षा के बालक बालिका चुने गये हैं.
इन मंत्रियों में शिक्षा मंत्री, सफाई ,खेल, जल एवं कृषि स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, आपदा मंत्री एवम विशेष तौर पर एमडीएम मंत्री चुने गये हैं.

प्रधानमंत्री के रूप में चुनी गयी पूनम सभी मंत्रियो को नियंत्रित करती हैं. प्रधानमंत्री के अनुपस्थिति में उप प्रधानमंत्री आदित्य कुमार विभिन्न व्यवस्था की देखरेख करते हैं.

शिक्षक के अनुपस्थिति पर बच्चे लेते हैं क्लास
इस बाल संसद के तहत अगर किसी वर्ग में शिक्षक अनुपस्थित है तो बाल संसद के शिक्षा मंत्री को जाकर उस कक्षा के बच्चों को पढ़ाना होता है. इस तरह शिक्षक के न रहने पर भी बच्चों की पढ़ाई नहीं छूटती है.

बच्चो ने बनाई है बाल वाटिका
बच्चों ने कृषि मंत्री के देखरेख में विद्यालय परिसर में खूबसूरत से बाल वाटिका का निर्माण किया है. जिसमें विभिन्न पौधों पौधे लगाकर इस वाटिका को सजाया गया है. जो विद्यालय में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

मंत्री करते हैं मध्याह भोजन का पर्यवेक्षण

बाल संसद के ही मंत्री यहां बनने वाले मध्याह भोजन का पर्यवेक्षण करते हैं. अगर कोई दिक्कत हो तो इसकी शिकायत प्रधानाचार्य से बाल मंत्री करते हैं.

इसी प्रकार विद्यालय को साफ सुथरा बनाने कब लिए सफाई मंत्री,स्वास्थ्य के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री के साथ विभिन्न मंत्री अपने अपने कार्यो का निर्वहन करते हैं.

इसी प्रकार विद्यालय में प्रत्येक हफ्ते बाल संसद लगायी जाती है. जिसमें प्रधामंत्री अपने विभिन्न मंत्रियों के साथ बैठक कर विद्यालय में शिक्षा के साथ अन्य व्यवस्थओं पर चर्चा करती है. इस दौरान वार्ड आयुक्त व आसपास के लोगों को भी बुलाया जाता है.

मीना मंच

मीना मंच के ज़रिये बालिका मंत्री आसपास की महिलाओं के साथ मिलकर बच्चों के अभिभावकों को उन्हें विद्यालय में नामांकन कराने व भेजने के लिए जागरूकता फैलाते हैं.

क्या बोले प्रधानाध्यापक

प्रधानाध्यक बताते हैं की विद्यालय में लगभग 450 बच्चे हैं, जिनपर 10 शिक्षक है. विद्यालय में बाल संसद के ज़रिये कई व्यवस्थाएं सुदृढ़ हुई है. अगर सभी विद्यालय में बाल संसद सक्रिय हो जाय तो वहां भी बहुत बदलाव होना शुरू हो जायेगा.

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