Chhapra: शुक्रवार को जिला परिषद अध्यक्ष मीना अरुण पर लगे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा के लिए बैठक आयोजित थी. लेकिन अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कोई भी पार्षद सदस्य बैठक में नही पहुंचा जिससे कि इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकें. सदन में सदस्यों के न आने के कारण बैठक की अध्यक्षता कर रहे जिप उपाध्यक्ष सुनील राय ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने की घोषणा कर दी.
बैठक को लेकर जिला परिषद कार्यालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.
सुबह 10.30 बजे से बैठक का समय तय था. निर्धारित समय पर बैठक की अध्यक्षता करने के लिए जिला परिषद उपाध्यक्ष सुनील राय पहुंच गए थे साथ ही जिप अध्यक्ष मीना अरुण भी पहुंचीं.
मुख्य कार्यपालक अधिकारी सह डीडीसी रोशन कुशवाहा, प्रेक्षक अरुण कुमार सहित सभी प्रतिनियुक्त अधिकारी भी मौजूद थे.
लेकिन सत्ता पक्ष हो या विपक्ष किसी भी तरफ से कोई दूसरा जिला पार्षद बैठक में नहीं पहुंचा. सदस्यों के अनुपस्थित होने के कारण बैठक की अध्यक्षता कर रहे सुनील राय ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया. सदन से बाहर निकलीं अध्यक्ष मीना अरुण ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
हालांकि निर्धारित समय के बाद इसुआपुर की जिला पार्षद प्रियंका सिंह वहां पहुंचीं लेकिन किसी को वहाँ न देख वापस लौट गई.
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के साथ ही जिला परिषद अध्यक्ष के सदन से बाहर निकलने पर समर्थकों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया.
विदित हो कि जिला परिषद अध्यक्ष मीना अरुण के कार्यकाल का दो वर्ष पूरा होते ही कुछ पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लगाने के लिए 16 जुलाई को आवेदन दिया था.
एकमा की जिला पार्षद वर्षा देवी सहित 15 सदस्यों ने मुख्य कार्यपालक अधिकारी सह डीडीसी रोशन कुशवाहा को आवेदन दिया था.
इसके बाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 27 जुलाई की तिथि तय की गई थी. इसको देखते हुए शुक्रवार को सब की नजर जिला परिषद की ओर टिक गई थी.