जज्बे को सलाम: 82 वर्षीय बुजुर्ग ने लगवाया कोरोना का पहला टीका, बोले- पीएम मोदी से मिली प्रेरणा

जज्बे को सलाम: 82 वर्षीय बुजुर्ग ने लगवाया कोरोना का पहला टीका, बोले- पीएम मोदी से मिली प्रेरणा

• सिविल सर्जन व अन्य पदाधिकारियों ने फूल देकर किया स्वागत
• टीका लगवाने के लिए उत्साहित थे रामेश्वर प्रसाद
• पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज जरूरी

Chhapra: जिले में सोमवार से कोविड टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत की गयी। सदर अस्पताल के टीकाकरण केंद्र में सबसे पहले शहर के दहियावां निवासी 82 वर्षीय बुजुर्ग रामेश्वर प्रसाद को टीका लगाया गया। टीका लगवाने के बाद 30 मिनट आब्जर्वेशन में भी रहे। उन्होंने बताया टीका लगवाने के दौरान व आब्जर्वेशन में रहने के दौरान कोई भी दिक्कत नहीं हुई। कोरोना संक्रमण के दौरान वे पूरे समय घर पर ही रहे थे। उन्होंने कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के प्रति सजग रहने की अपील भी की। कहा कि हमे गर्व होना चाहिए के देश के वैज्ञानिकों ने इतने कम समय में वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल की है। देश के प्रधानमंत्री ने भी कोरोना की वैक्सीन ली है। इससे मेरे भी मन में इच्छा जागृत हुई कि मैं भी कोरोना का टीका लगवाऊं। मुझे पहला टीका दिया गया। टीका लेने के बाद किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है। टीकाकरण के बाद सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा व डीपीएम अरविन्द कुमार के द्वारा रामेश्वर प्रसाद को फूल देकर प्रोत्साहित किया गया।

वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन जरूरी
पहला टीका लेने वाले रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि कोरोना बीमारी से बचाने के लिए वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन भ्रम की वजह से कुछ लोग वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं, जबकि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। अब मुझे दूसरी डोज की बारी का इंतजार है। दोनों डोज लेने के बाद हीं कोरोना से सुरक्षित हो पायेंगे।

इन बीमारी से पीड़ित लोगों का होगा टीकाकरण
सिविल सर्जन डॉ. माधवेश्वर झा ने कहा कि हार्ट फेल के मरीज, हृदय वाल्व का प्रत्यारोपण करा चुके, हदय के वाल्व की बीमारी, जन्मजात दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, दिल की धमनियों में रुकावट, किडनी, लिवर की बीमारी, डायलिसिस व पेरोटोनियल डायलिसिस वाले, सांस की बीमारी, एचआईवी संक्रमित, मस्कुलर डिस्ट्राफी, इंटेलेक्चुअल डिसएबिलिटीज, नेत्रहीन, मूक-बधिर, कैंसर जैसे ल्यूकीमिया, लिम्फोमा, मायलोमा, एप्लास्टिक एनीमिया, सिकल सेल डिजीज, थैलासीमिया मेजर, बोन मैरो फेल्योर, स्ट्रोक आदि के मरीज को यह टीका दिया जायेगा।

पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ. रंजितेश कुमार ने कहा कोरोना वैक्सीन दो खुराक की है। पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जाती है। दोनों डोज लेना जरूरी है। सभी को वैक्सीनेशन कार्यक्रम का सही से पालन करना चाहिए।वैक्सीनेशन की दूसरी डोज के 2 हफ्ते के बाद ही वायरस के खिलाफ बॉडी में पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाती है। इस समय तक वैक्सीनेशन कराने वाले को भी कोविड व्यवहार और गाइडलाइंस का पालन करते रहना चाहिए।

कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्तियों को भी टीका लेना जरूरी

कोरोना के सक्रिय (एक्टिव) मरीज को वैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अगर वे वैक्सीनेशन साइट पर जाएंगे तो उनकी वजह से टीका लगवाने आए अन्य लोगों को कोरोना का संक्रमण (इन्फेक्शन) होने की संभावना रहेगी । इसलिए जब ये मरीज ठीक हो जाएं तो उसके 4 हफ्ते बाद ही वैक्सीनेशन को जाएं। कोरोना से उबरे मरीजों में एंटीबॉडी अपने आप बनती है, लेकिन कब तक रहेगी, कह नहीं सकते। इसलिए ये लोग भी टीका जरूर लगवाएं। टीका इनकी इम्युनिटी को और मजबूत करेगा। कोरोना से ठीक होने के बाद भी संक्रमण की संभावना रहती है।

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