कविता: ख़्वाब और हक़ीक़त का फासला मिटाकर रहेगा युवा
युवा ख़्वाब और हक़ीक़त का फांसला मिटाकर रहेगा युवा । बढ़ते रहा है और बढ़ता रहेगा युवा ।। ना रुके बहती हवा,ना बहता पानी,ना जज़्बा-ए-यौवन। दुनिया जो भी हो तेरी रीत,तेरा चलन।। उसेे तो पाना है वो मुकम्मल मंज़िल। चाहें पार करनेRead More →