भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई 1906 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बदरका गांव में हुआ। पिता पंडित सीताराम तिवारी और माता जगरानी देवी के पुत्र चंद्रशेखर ने 1920-21 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया और गिरफ्तार होकर जज के समक्षREAD MORE CLICK HERE

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भूजल के दोहन के चलते उसका गिरता स्तर सरकार के लिए चिंता का विषय है । इसलिए गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए जनता को जागरूक करना आवश्यक है। भूगर्भ जल श्रोतों के अत्याधिक दोहन, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक स्थानों पर चिंताजनक भुजल मे गिरावट, भुजल श्रोतोंREAD MORE CLICK HERE

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भारतीय जनसंघ के संस्थापक और जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के मुखर विरोधी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गयी थी। कश्मीर से अनुच्छेद 370 और राज्य को विशेष दर्जा देने के प्रबल विरोधी रहे डॉ. मुखर्जी की इन्हीं लक्ष्यों की प्राप्ति केREAD MORE CLICK HERE

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नई दिल्ली: पतंजलि के योग सूत्र में क्रिया-योग का कई बार उल्लेख है। यह साधना की एक प्रक्रिया है। इसका एक आयाम जीवन जीने की कला से सीधे संबंधित है। किसी मनुष्य का मन निष्काम भाव में आ जाए तो क्रिया-योग के एक आयाम से वह अपने आप जुड़ जाताREAD MORE CLICK HERE

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यह बात वर्ष 1964 में नौ जून की है, जब देश अपने दूसरे प्रधानमंत्री ”लाल बहादुर शास्त्री ” से रुबरू हो रहा था। शास्‍त्री जी का कार्यकाल ऐसा नहीं है कि एक प्रधानमंत्री के रूप में बहुत लम्‍बा रहा हो, किंतु अपने अल्‍प से कार्यकाल में वे जो कुछ भीREAD MORE CLICK HERE

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{प्रशांत सिन्हा} संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित पर्यावरण दिवस पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। पांच जून 1973 को पहला विश्व पर्यावरण मनाया गया था। धरती पर जीवन के लालन पालन के लिए पर्यावरण प्रकृति का उपहार है। वह प्रत्येक तत्व जिसका उपयोग हमREAD MORE CLICK HERE

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पूरे विश्व में साल में दो दिन 21 मार्च और 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। लेकिन 1970 से हर वर्ष 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व पृथ्वी दिवस का सामाजिक और राजनैतिक महत्व है। 1969 में कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में तेल रिसाव हुआ जिससे भारीREAD MORE CLICK HERE

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गिरीश्वर मिश्र आज सामाजिक जीवन की बढ़ती जटिलता और चुनौती को देखते हुए श्रीराम बड़े याद आ रहे हैं, जो प्रजा वत्सल तो थे ही अपने निष्कपट आचरण द्वारा पग-पग पर नैतिकता के मानदंड स्थापित करते चलते थे। सत्य की स्थापना के लिए बड़ी से बड़ी परीक्षा के लिए तैयारREAD MORE CLICK HERE

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डॉ. अजय खेमरिया राम मानवता की सबसे बड़ी निधि है। वे संसार में अद्वितीय प्रेरणापुंज है। वे शाश्वत धरोहर है मानवीय सभ्यता, संस्कृति और लोकजीवन के। राम जीवन के ऐसे आदर्श हैं जो हर युग में सामयिकता के ज्वलन्त सूर्य की तरह प्रदीप्त है। मर्यादा, शील, संयम, त्याग, लोकतंत्र, राजनय,READ MORE CLICK HERE

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सियाराम पांडेय ‘शांत’ यूं तो हम 1 जनवरी से नया साल मानते हैं लेकिन हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से आरंभ होता है। इसबार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 13 अप्रैल को पड़ रही है। ब्रह्म पुराण में वर्णित है कि ब्रह्मा जी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को हीREAD MORE CLICK HERE

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(कबीर अहमद) समय के साथ सब कुछ बदलता है, वैसे भी परिवर्तन संसार का नियम है. विगत सालों में जो सबसे तेजी से बदलता दिखा है वो है हाथों में किताबों की जगह स्मार्ट फ़ोन्स. जो आंख कभी किताबों के पन्ने पढ़ने पर नींद की आगोश में खो जाती थीREAD MORE CLICK HERE

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(प्रशांत सिन्हा) हर वर्ष विश्व के लगभग कई देशों में 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देना है. इस वर्ष के लिए अंतराष्ट्रीय महिला दिवस का थीम “women in leadership : Achieving an equal futureREAD MORE CLICK HERE

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