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बिहार के प्रशांत सिन्हा ने समावेशी विकास की ओर बढ़ाया सशक्त कदम

नई दिल्ली: आज के पूंजीवादी दौर में जब हर उद्यम में केवल लाभ प्राप्ति की होड़ है. कुछ ऐसी भी कंपनियां है जो अपने व्यापार के साथ साथ सामाजिक दायित्वों का भी बखूबी निर्वहन कर रही है. उनमें से एक है माइक्रो काउंट इंफो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड.

बिहार की राजधानी पटना के निवासी प्रशांत कुमार ने समाज के समावेशी विकास को समर्पित माइक्रो काउंट इंफो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड नामक एक उद्यम खड़ा किया है जो सन 2005 से लगातार सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है.

इस कंपनी के माध्यम से कारोबार के साथ सामाजिक समस्या को सुलझाने के प्रयास इसके निर्देशक प्रशान्त सिन्हा के मन में आया. अक्सर यह माना गया है कि व्यापार करने वाले समाज सुधार का कार्य कम ही लोग करते है. व्यापार एवं समाज सुधार जैसे दो विचार धारा का मिलना सम्भव नहीं है परंतु प्रशान्त सिन्हा मानते हैं कि सामाजिक चुनौतियों को सुलझाने के लिए व्यापार का ज़रिया भी चुना जा सकता है, जहाँ पैसा कमाने के साथ साथ समाज सुधार एवं पर्यावरण को बचाने का कार्य भी कर सकते है.

प्रशान्त सिन्हा एमबीए हैं और दिल्ली और जयपुर जैसे शहरों में बड़ी बड़ी कम्पनीयों में काम कर चुके हैं. इनकी पढ़ाई पटना के तब के प्रतिष्ठित पाटलिपुत्र उच्च विद्यालय एवं पटना विश्वविद्यालय से हुई है. कुछ वर्षों की नौकरी के बाद इन्होंने दीपक कुमार के साथ माइक्रो काउंट इंफो सिस्टम प्रा॰ लि॰ कम्पनी की शुरुआत की जो सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़े लोगों को रोज़गार दे रहा है.

प्रशान्त सिन्हा का कहना है कि “समाज में पिछड़े लोगों को Reservation नहीं Representation की ज़रूरत है”. उन्होंने बताया कि माइक्रो काउंट में लगभग 50 कर्मचारी हैं. जिसमें 75% कर्मचारी पिछड़े वर्ग से आते हैं.

प्रशान्त सिन्हा के प्रशिक्षण एवं प्रयास से आज वे समाज में बराबरी का स्थान पा चुके हैं. कुछ कर्मचारी गाड़ी फ़्लैट प्लॉट के मालिक हैं. प्रशान्त सिन्हा एवं उनके कम्पनी के लोग पर्यावरण के प्रति भी जागरूक हैं. कंपनी के द्वारा समय समय पर पौधारोपण एवं जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.

इस कार्य के लिए प्रशान्त सिन्हा को कई NGO ने समय समय पर सम्मानित भी किया है. अभी हाल में दिल्ली के कॉन्स्टिटूशन क्लब में NPJSS द्वारा जल संरक्षण पर आयोजित जल संसद कार्यक्रम में उल्लेखनीय कार्यों के निर्मित ‘राजग जल प्रहरी सम्मान’ से अलंकृत किया गया है.

आज ऐसे कुछ लोग हैं जो अपनी विचार और सोच से लोगों के कल्याण में चुपचाप जुटे हैं. ज़रूरत है कि ऐसी लोगों की संख्या और बढ़े और समाज का कल्याण हो सके.

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