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बिहार के बाद यूपी में मोदी का रथ रोकने की तैयारी में प्रशांत

प्रभात किरण हिमांशु

बिहार के सीएम नीतीश कुमार के मुख्य सलाहकार एवं रणनीतिकार प्रशांत किशोर बिहार चुनाव में मिली कामयाबी के बाद उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी के चुनावी रथ को रोकने की तैयारी में हैं.

प्रशांत किशोर 2015 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के काफी करीबी थे और उनकी बनाई रणनीति ने भाजपा को केंद्र की सत्ता तक पंहुचाने का मार्ग प्रशस्त किया था किन्तु समय के साथ परिस्थितियां बदलीं और प्रशांत किशोर ने मतभेदों का हवाला देते हुए पार्टी और पीएम मोदी का साथ छोड़ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हाथ मिला लिया. प्रशांत किशोर की जबरदस्त रणनीति और कार्य प्रणाली का ही नतीजा हुआ की नीतीश कुमार एक बार फिर राजद-कांग्रेस गठबंधन के सहारे बिहार में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुए.

प्रशांत किशोर के कार्यकुशलता को देखते हुए अब कांग्रेस पार्टी ने उन्हें उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में अपने प्रयोगों और चुनावी रणनीतियों के माध्यम से नरेंद्र मोदी के विजयी रथ को रोकने का जिम्मा सौंपा है.

गौरतलब हो कि लोकसभा चुनाव में वर्तमान भाजपा अध्यक्ष एवं प्रशांत किशोर की संयुक्त रणनीति के कारण ही बीजेपी उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक सीट जितने में सफल रही थी.कांग्रेस पार्टी ये भली-भांति जानती है की उत्तर-प्रदेश में प्रशांत किशोर की रणनीति कितनी कारगर हो सकती है.

प्रशांत किशोर ने भी उत्तर-प्रदेश में भाजपा और पीएम मोदी को विधानसभा चुनाव में चुनौती पेश करने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है.सूत्रों से मिली खबर के अनुसार प्रशांत ने हाल ही में उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य के प्रमुख नेताओं के साथ एक बैठक कर आगामी योजनाओं पर मंत्रणा की है.कुछ लोगों का कहना ये भी है कि प्रशांत यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के किसी खास चेहरे को आगे कर अपनी रणनीति बनाना चाहते है.कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी या उनकी बहन प्रियंका गांधी का चेहरा यूपी चुनाव के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है,हालाँकि पार्टी आलाकमान ने इन अटकलों को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा है कि राहुल या प्रियंका पीएम बनने के योग्य है और उत्तर-प्रदेश में उनके मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनने का कोई सवाल ही नहीं खड़ा होता.

हालांकि चुनावी विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशांत किशोर राहुल-प्रियंका को आगे कर यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी को 200 का आंकड़ा पार कराने की योजना बना रहे है.फिलहाल इस विषय में उनकी पार्टी नेतृत्व से कोई खास बात नहीं हुई है पर प्रशांत किशोर की छवि और उनकी बेजोड़ रणनीति को दखते हुए कांग्रेस पार्टी उनके सुझावों को नजरअंदाज भी नहीं कर सकती है.

आने वाला समय बताएगा कि यूपी की चुनावी गणित किस करवट बैठती है,पर फिलहाल ये बात तो तय है कि प्रशांत की रणनीति भाजपा और पीएम मोदी के उत्तर-प्रदेश में सत्ता पर काबिज होने की राह में एक मजबूत दीवार बन सकती है

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