पटना: राज्य में कोरोना को देखते हुए सरकार पर हमेशा हावी रहने वाले प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
मंगलवार को यह पत्र ट्वीटर पर अपलोड करते हुए तेजस्वी ने लिखा है मुख्यमंत्री जी से स्वास्थ्य व्यवस्था, बचाव व राहत कार्य दुरुस्त करने और कराने के उद्देश्य से विशेष अनुमति के लिए पत्र लिखा है। एक माह पूर्व सर्वदलीय बैठक में हमने 30 महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे लेकिन किसी पर भी अमल नहीं हुआ।सरकार ना विफलताओं से सीख रही है और ना विपक्ष की सुन रही। विगत चार वर्षों में लिखे गये किसी भी पत्र का जबाव आपने नहीं दिया लेकिन उम्मीद है कि मानवीय हित में आप इस पत्र का जवाब देंगे। गांधी, लोहिया, जेपी और कर्पूरी ठाकुर जी की विचारधारा पर चलने का दंभ भरने वाले मुख्यमंत्री आज इतना अलोकतांत्रिक कैसे हो सकते हैं। जो नेता विरोधी दल के पत्र का जवाब देना भी उचित नहीं समझते। यह लोकतांत्रिक परंपराओं और संसदीय प्रणाली के लिए उचित नहीं है।
उन्होंने लिखा है बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना के साथ.साथ स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था, उदासीनता, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, आवश्यक दवाओं एंव ऑक्सीजन की कालाबाजारी और सरकार की असंवेदनशीलता भी चरण पर है। यह महामारी अब ग्रामीण इलाकों में भी भयावह रुप ले चुका है। वर्तमान में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति क्या है यह किसी से छिपा नहीं है।
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को याद दिलाते हुए कहा है कि विधानसभा में आपने खुद कहा था कि स्वास्थ्य व्यवस्था, कोविड मैनेजमेंट, पर्यवेक्षण में विधानमंडल के निर्वाचित प्रतिनिधि भी अपना योगदान दे सकते हैं। राज्यपाल महोदय के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में हमने 30 महत्वपूर्ण सुझाव रखे थे। जिसमें दिए गये एक सुझाव में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन कर पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और तमाम राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधियों को सम्मलित करने का प्रस्ताव था लेकिन दुर्भाग्यवश सरकार ने इसका गठन नहीं किया।
उन्होंन कहा कि कोरोना महामारी में स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से जुझती जनता के लिए हम और हमारे सभी विधायक अपने अपने क्षेत्रों में लोगों को आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, ऑक्सीजन सिलेंडर, बेड मुहैया करा रहे हैं। मैं खुद इन सारे कार्यों का पर्यवेक्षण करना चाहता हूं साथ ही अपील है कि सरकार यह सुनिश्चित करें कि इससे रोगियों व उनके परिजनों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। विधायकगण सहित मुझे भी राज्य के किसी अस्पताल और कोविड केयर सेंटर आदि के अंदर जाकर मरीजों एवं उनके परिजनों से मिलने और राहत पहुंचाने कोविड केयर सेंटर खोलने और सामुदायिक किचन चलाने की अनुमति प्रदान की जाए।