पटना: पटना, मुजफ्फरपुर, गया और प्रदेश के अन्य शहरों में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्य सरकार को सलाह दी है कि 15 साल पुराने सभी डीजल चलित व्यावसायिक वाहनों को इन शहरों से प्रतिबंधित किया जाये.
घरेलू उपयोग के लिए अनुदानित दर पर केराेसिन की आपूर्ति पर पाबंदी लगाने का भी सुझाव दिया है. इसके अलावा ईंधन के रूप में सीएनजी की आपूर्ति सुनिश्चित करने, शहरों में वाहनों की संख्या नियंत्रित करने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुदृढ़ करने की भी सलाह दी गयी है. पर्षद की यह एडवाइजरी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की माध्यम से राज्य सरकार को भेजी गयी है. पर्षद की तरफ से यह सलाह सर्दियों के मौसम को देखते हुए आयी है. सर्दियों में बिहार के सभी शहरों में पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा देश के अन्य शहरों की तुलना में सर्वाधिक होती है.
वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 वर्षों से अधिक पुराने वाहनों और कोलकाता में 15 वर्षों से पुराने डीजल वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित कर दिया है. पर्षद के सदस्य सचिव आलोक कुमार ने सुझावों की एक कॉपी परिवहन विभाग को भी भेजी है. पटना में दो लाख से अधिक डीजल चालित व्यावसायिक वाहन हैं.