मंत्री जीवेश को विधानमंडल परिसर में रोके जाने पर स्पीकर ने लिया संज्ञान, डीजीपी तलब

मंत्री जीवेश को विधानमंडल परिसर में रोके जाने पर स्पीकर ने लिया संज्ञान, डीजीपी तलब

पटना: विधानमंडल सत्र के चौथे दिन राज्य सरकार के श्रम संसाधन और आईटी मंत्री जीवेश मिश्र को रोककर एसपी-डीएम की गाड़ी को विधानमंडल परिसर में जाने देने के मामले को लेकर दिनभर राजनीतिक गलियारे में चर्चा चलती रही। मंत्री को रोके जाने और डीएम-एसपी की गाड़ी को पास कराने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मामले का संज्ञान लिया है।

सदन में भारी हंगामे के बाद स्पीकर विजय सिन्हा ने सभी दल के नेताओं की बैठक बुलाई। बैठक में क्या निर्णय हुआ यह स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन जो जानकारी है उसके अनुसार अध्यक्ष ने डीजीपी एस.के. सिंघल और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद को शाम पांच बजे तलब किया है। दोनों अधिकारियों से इस संबंध में जानकारी ली जायेगी। उसके बाद अध्यक्ष आगे का निर्णय करेंगे।

इस प्रकरण को लेकर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि पब्लिक सर्वेंट राजतंत्र की तरह व्यवहार करते हैं। बिहार भाजपा अध्यक्ष ने फेसबुक पेज पर लिखा है कि मंत्री जीवेश मिश्रा के साथ विधानसभा प्रांगण में जो भी घटना घटी है उस पर मुझे पूरा विश्वास है की विधानसभा अध्यक्ष अवश्य ही संज्ञान लेंगे।

मुख्य सचिव द्वारा यह कहा जाता है कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक को करना है लेकिन जो अफसर सामान्य शिष्टाचार का भी पालन नहीं करते हैं उन पर कोई कार्यवाही नहीं होती है। आईएएस और आईपीएस अधिकारी पूरे भारत में जनता एवं जनप्रतिनिधियों के साथ हर तरह के शिष्टाचार का पालन करते हैं। बिहार में कुछ अफसर पब्लिक सर्वेंट अर्थात जनता के सेवक के बदले राजतंत्र की तरह व्यवहार करते हैं। कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री ने भी आईपीएस प्रशिक्षुओं को यह बताया था कि उनका व्यवहार जनता एवं जनप्रतिनिधियों के प्रति कैसा होना चाहिए ।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा में आज मंत्री जीवेश कुमार ने प्रश्नकाल के दौरान सदन में उठकर कहा कि आज यह स्पष्ट होना चाहिए कि एसपी-डीएम बड़ा या सरकार। डीएम-एसपी की वजह से हमारी गाड़ी को रोक दी गई। उन्होंने कहा कि आज जब हम सदन आ रहे थे। इसी दौरान उनकी गाड़ी को रोक दी गई। कहा गया कि एसपी-डीएम जा रहे हैं। इसलिए आप नहीं जा सकते। यह तो अजीब स्थिति है। वैसे डीएम-एसपी को तुरंत सस्पेंड किया जाना चाहिए।

मंत्री के इस बात पर सदन में भारी हंगामा हुआ। विपक्ष पूरी तरह से मंत्री जीवेश मिश्रा के साथ खड़ा हो गया। अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि विधायकों की प्रतिष्ठा सबसे बड़ी है। सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री सदन में जवाब देंगे। विपक्षी विधायक मंत्री के समर्थन में आ गये। राजद समेत सभी विपक्षी सदस्य वेल में पहुंचकर मंत्री जी न्याय दो का नारा बुलंद करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि मंत्री को हर हाल में न्याय मिलनी चाहिए। शोर-गुल कर रहे सदस्यों से अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री को जरूर न्याय मिलेगा।

संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि मंत्री ने कहा कि विधानसभा परिसर में यह वाकया हुआ है। ऐसे में पूरा अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का है। आसन जो निर्णय ले सरकार इस पर तैयार है। मंत्री को रोके जाने का मसले पर सभी दल के नेता सदन में बोल रहे थे। इस दौरान भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने मांग किया कि जिसने भी ऐसी हरकत की है उन पर सख्त कार्रवाई हो। इसी साल विधायकों की पिटाई तो हुई ही अब मंत्री को पिटाना बच गया है।

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