‘नैतिकता और मानवीय मूल्य’ विषय पर यूजीसी द्वारा सेमिनार आयोजित

‘नैतिकता और मानवीय मूल्य’ विषय पर यूजीसी द्वारा सेमिनार आयोजित

सीवान(DNMS): नगर के जेड ए इस्लामिया कालेज के सभागार में रविवार को यूजीसी द्वारा ‘मानवीय मूल्य एवम् नैतिकता’ विषय पर सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि व  तिलक मांझी विश्वविद्यालय के कुलपति डाक्टर रामशंकर दुबे ने कहा कि हमारी संस्कृति मानवतावादी है अहिंसा, ईमानदारी, सत्य परोपकार, मानवता हमारी नैतिकता है. नैतिकता से हमारी मानवीय मूल्य संरक्षित है. शिक्षक समाज में नैतिक मूल्यों को स्थापित करते हुए उच्च कोटि के छात्र गढ़ सकते है. देश की अपनी संस्कृति है और इसकी आत्मा नैतिकता है. हम सब एक ही परमपिता के सन्तान है जो हमे भाईचारा और सम्वेदनशीलता सिखाती है. देश के कई विश्वविद्यालय राष्ट्रीयता के नीव पर खड़ी है जो भारतीयता का सन्देश देती है. उन्होंने शिक्षको से अपील किया की ऐसे छात्र तैयार करे जो नैतिकता व् मानवीय मूल्य से परिपूर्ण हो.

सेमिनार में विषय प्रवेश कराते हुये  बलिया (उत्तर प्रदेश) के अपर समाहर्ता संजय सिंह ने कहा कि सारी दुनिया में निति के मूल स्थान यूनान है. अच्छा जीवन कैसे जिया जाय यह नैतिकता सिखाती है. और अच्छे जीवन का क्या मानदण्ड हो यह मूल्य तय करता है. समाज शास्वत है यह चुनौतियों से चलता है. समाजिक मूल्य और नैतिकता के मापदण्ड से ही हम इंसान बनें  है. मनुष्य चाहे लाख तरकी कर जाये लेकिन वह नैतिकता और मानवीय मूल्य को नही बदल सकता  है.
वही सेमिनार को सम्बोधित करते हुए बिहार के महामहिम राज्यपाल के जनसम्पर्क पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार पाठक ने कहा कि मनुष्य की एक संज्ञा व्यक्ति है. यानि जो व्यक्त करता है इसलिए वह अन्य प्राणियो से भिन्न है.  विकास के प्रक्रिया में कहाँ बिसङ्गति है महसूस कर रहे है इसका निदान भारतीय मूल्य और संस्कृति में  है. उन्होंने कहा कि मनुष्य बड़ा हो गया और उसका मानस छोटा. अर्थात दिमाग बड़ा हो गया है और दिल छोटा. साथ ही समन्वय नही हो रहा है.

सेमिनार को संबोधित करते हुए बिहार के प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण कान्त ओझा ने कहां की मूल्य थोपा नही जा सकता. इसे व्यवहार में उतरना पड़ेगा. मूल्य में सास्वत संस्कृति सारे धर्मो में है. जो हमे एकसाथ कुछ मापदण्डों के साथ रहना सिखाती है. व्यक्ति के व्यवहार गत मूल्य माँ है इसके बाद शिक्षक है  लेकिन बड़े भारी मन से कहना पड़ रहा है की आज की शिक्षा निति में ऐसे शिक्षक तैयार है जिनमे नैतिकता मूल्य का अभाव है. सेमिनार को संबोधित करते हुए. जेपी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ लोकेश चन्द्र प्रसाद ने कहा कि नैतिकता व् मूल्य जिंदगी के हर कदम पर प्रति पल आते है.
सेमिनार को  जयप्रकाश विश्वविद्दालय के  कुलसचिव डॉ अशोक कुमार ने भी सम्बोधित किया. कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ अशोक प्रियम्बद ने किया. कार्यक्रम में सचिव जफर अहमद गणि, प्राचार्य डाक्टर  अशद हसन सहित दर्जनों विश्वविद्यालय के शिक्षक व शोध  छात्र  व जेड.ए. इस्लामिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय के डॉ हारून शैलेन्द्र, डॉ अशोक मिश्र, डॉ संगीता कुमारी, प्रो. सुरेन्द्र कुमार, डाक्टर इदरीश आलम सहित महाविद्यालय के सभी प्रधानाध्यापक व सैकड़ों की संख्या में छात्र/छात्राएं उपस्थित थे.

साभार: DNMS SIWAN

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